मैनपुरी उपचुनाव: सपा का गणित बिगाड़ सकती है बसपा, जीत के लिए करनी होगी खास तैयारी

यूपी में मैनपुरी उपचुनाव के दौरान बसपा अहम किरदार अदा करेगी। यदि बसपा उपचुनाव में प्रत्याशी नहीं उतारती है तो सपा को जीत के लिए और भी मेहनत करनी पड़ेगी। माना जा रहा है कि प्रत्याशी न उतारने का फायदा बीजेपी को होगा। 

मैनपुरी: मुलायम सिंह यादव की कर्मभूमि मैनपुरी में होने वाला चुनाव काफी दिलचस्प माना जा रहा है। इस चुनाव में मुख्य मुकाबला सपा और भाजपा के बीच ही है। हालांकि मुकाबले के बीच बसपा की ओर से इस सीट पर प्रत्याशी न उतारने का संकेत चुनावी गणित को गड़बड़ाता दिख रहा है। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि बसपा का प्रत्याशी न उतारने का ऐलान सपा का इस सीट पर पहले से चली आ रही जीत की रफ्तार पर ब्रेक लगा सकता है। 

भाजपा भी जीत को लेकर झोकेगी पूरी ताकत
आपको बता दें कि मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी लोकसभा सीट खाली हुई है। इस सीट पर उपचुनाव को लेकर बीते दिनों ऐलान किया गया। ऐसे में सपा के सामने राजनीतिक विरासत को बचाना बड़ी चुनौती होगी। वहीं भाजपा इस सीट पर भगवा लहराने को लेकर पूरी तरह से मन बना रही है। चुनाव प्रचार से लेकर तमाम चीजों पर भाजपा बैठक कर रणनीति तैयार कर रही है। इस उपचुनाव में सीधी टक्कर भले ही भाजपा और सपा की हो लेकिन इसमें बसपा का भी अहम किरदार रहेगा। 

Latest Videos

2019 में कम हो गया था जीत का आंकड़ा
गौर करने वाली बात है कि यूपी में लोकसभा चुनाव 2019 सपा और बसपा ने गठबंधन में एक साथ लड़ा था। मुलायम सिंह यादव मैनपुरी सीट पर प्रत्याशी थी। हालांकि इन तमाम चीजों के बावजूद यहां नेताजी की जीत का आंकड़ा 2014 के चुनाव और उपचुनाव की तुलना में काफी कम था। वहीं इस बार सपा की बसपा से दूरी इस अंतर पर और भी असर डाल सकती है। जानकार मानते हैं कि यदि बसपा द्वारा प्रत्याशी न उतारने के बाद पार्टी के परंपरागत वोट भाजपा के खेमे में भी जा सकता है। यदि बसपा के वोटरों का रुझान भाजपा की ओर होता है तो यहां सपा को जीत के लिए दिक्कत हो सकती है। 

बसपा ने बैठक के बाद दिए संकेत 
ज्ञात हो कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को जिलाध्यक्षों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने निकाय चुनाव पर ध्यान देने की बात कही। उन्होंने मैनपुरी उपचुनाव में प्रत्याशी न उतारने की संकेत दिए हैं। ऐसे में बसपा का वोटर इस चुनाव में अहम भूमिका निभाएगा। माना जा रहा है कि बसपा के प्रत्याशी न उतारने के ऐलान के बाद सपा को जीत के लिए और भी ताकत झोंकनी पड़ेगी। राजनीतिक जानकार भी मानते हैं कि बसपा के परंपरागत वोटर का झुकाव बसपा प्रत्याशी के न होने के चलते भाजपा की ओर होने की संभावना अधिक है। ऐसे में बसपा को तगड़ा झटका लग सकता है। वहीं कांग्रेस भी कोई प्रत्याशी नहीं उतार रही है। 

सपा कार्यालय पहुंचे विधायक इरफान सोलंकी का छलका दर्द, कहा- साजिश के तहत जा रहा फंसाया, DGP से करुंगा मुलाकात

Share this article
click me!

Latest Videos

जेल से बाहर क्यों है Adani? Rahul Gandhi ने सवाल का दे दिया जवाब #Shorts
UP bypoll Election 2024: 3 सीटें जहां BJP के अपनों ने बढ़ाई टेंशन, होने जा रहा बड़ा नुकसान!
Jharkhand Election Exit Poll: कौन सी हैं वो 59 सीट जहां JMM ने किया जीत का दावा, निकाली पूरी लिस्ट
Rescue Video: आफत में फंसे भालू के लिए देवदूत बने जवान, दिल को छू जाएगा यह वीडियो
दिल्ली चुनाव से पहले केजरीवाल को कोर्ट से लगा झटका, कर दिया इनकार । Arvind Kejriwal । Delhi HC