उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोरखपुर (Gorakhpur) के होटल में 27 सितंबर की रात कानपुर (Kanpur) के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता हत्याकांड के मामले (Manish Gupta Murder Case) में कानपुर की एसआइटी (SIT) जांच कर रही है। यूपी सरकार ने इस मामले की जांच के लिए सीबीआई (CBI) जांच की सिफारिश की थी। अब तक मामले को सीबीआई के हैंडओवर नहीं किया गया। ऐसे में मनीष की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता (Meenakshi Gupta) ने सीबीआई जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका दायर की है। इस मामले में आज सुनवाई होनी है।
नई दिल्ली/ कानपुर। यूपी (UP) के गोरखपुर (Gorakhpur) के चर्चित मनीष हत्याकांड (Manish Gupta Murder Case) में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में सुनवाई होनी है। मनीष की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता (Meenakshi Gupta) ने सीबीआई (CBI) जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। मीनाक्षी का कहना था कि उनके पति की हत्या पुलिस वालों ने ही की है। अब चाहे पुलिस (UP Police) हो या जांच कर रही एसआईटी (SIT), उन्हें किसी पर भरोसा नहीं है। ऐसे में जल्द ही इस मामले को सीबीआई के हैंडओवर किया जाए।
बता दें कि मनीष हत्याकांड को लेकर यूपी पुलिस की देशभर में किरकिरी हुई थी। अब तक एसआईटी की जांच में भी ये साफ हो गया कि पुलिसवालों की पिटाई से ही मनीष की मौत हुई थी। इससे माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट सीबीआई जांच को लेकर आदेश दे सकती है। इसके लिए मनीष की पत्नी मीनाक्षी भी दिल्ली पहुंच गई हैं। मीनाक्षी ने ट्वीटर के जरिए पुलिस की जांच पर अविश्वास जताया था और मुख्यमंत्री से भी सीबीआई जांच की मांग की थी।
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सीबीआई जांच की संस्तुति, मगर हैंडओवर अब तक नहीं
पत्नी मीनाक्षी का कहना था कि सरकार की संस्तुति के 25 दिन बाद तक सीबीआई जांच शुरू नहीं होने से परिवार परेशान था। उन्होंने जांच शुरू कराने के लिए पुलिस अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से कई बार गुहार लगाई, लेकिन उचित जवाब नहीं मिला। इस पर अधिवक्ताओं से संपर्क किया। बाद में निर्भया कांड की अधिवक्ता सीमा समृद्धि कुशवाहा से मुलाकात हुई। उनकी मदद से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता केके शुक्ला के जरिए कोर्ट में याचिका दायर की।
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यह है मामला
गोरखपुर की रामगढ़ताल थाना पुलिस 27 सितंबर की रात इलाके में स्थित होटल कृष्णा पैलेस में चेकिंग के नाम पर घुसी थी। यहां पुलिस ने पिटाई की, जिससे मनीष की मौत हो गई थी। पुलिस ने तत्कालीन थाना प्रभारी जगत नारायण सिंह, सब इंस्पेक्टर अक्षय मिश्रा, सब इंस्पेक्टर विजय यादव और 3 अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया था। इस मामले में एसएचओ समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। मामले में मनीष के परिजन पहले दिन से ही सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे। 30 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर आने पर पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी। इसके बाद प्रदेश सरकार ने सीबीआई जांच के लिए संस्तुति की थी।