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मनीष गुप्ता केस: OSD की कुर्सी पर बैठते ही पति की याद में फूटकर रोईं मीनाक्षी, रोते हुए की एक विनती
कानपुर. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पुलिस बर्बरता के शिकार हुए कारोबारी मनीष गुप्ता की मौत (Manish Gupta murder case) के करीब 15 दिन बाद पत्नी को सरकारी नौकरी मिल गई। उन्होंने मंगलवार को कानपुर के केडीए विभाग में ओएसडी पद का चार्ज संभाला। इस दौरान जैसे ही वह कुर्सी पर बैठी तो वह पति को याद कर भावुक हो गईं। इतना ही नहीं वो फूट-फूटकर रोती नजर आईं। जानिए सरकारी कुर्सी पर बैठते ही क्या बोलीं-मनीष गुप्ता की पत्नी...
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दरअसल, 27 सितंबर को गोरखपुर पुलिस ने मनीष गुप्ता की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। जिसको लेकर जमकर हंगमा मचा था, विपक्ष के तमाम नेताओं ने पीड़ित परिवार के घर जाकर यूपी सरकार से न्याय की मांग की थी। इसी दौरान सीएम योगी ने मृतक की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता से मुलाकात कर उन्हें रकारी नौकरी, परिवार को 40 लाख की आर्थिक मदद, घटना की सीबीआई जांच और एसआईटी का गठन करने का अश्वासन दिया था।
बता दें कि रविवार को कानपुर से बीजेपी विधायक सुरेंद्र मैथानी और केडीए के अपर सचिव गुडाकेश शर्मा मीनाक्षी गुप्ता के घर पहुंचे थे। जहां उन्होंने मनीष की पत्नी मीनाक्षी को ओएसडी (विशेष कार्याधिकारी) पद का नियुक्ति पत्र सौंपा था। जिसमें कहा था कि वह सोमवार को अपना पद ज्वाइनिंग कर सकती हैं। हालांकि सोमवार को मनीष गुप्ता की तेरहंवी के चलते वह मंगलवार को ओएसडी पद का चार्ज संभाला।
मनीक्षा गुप्ता अपना पद संभालने के लिए मंगलवार को भाई सौरभ और चाचा के साथ केडीए पहुंचीं। जहां उन्होंने सभी प्राथमिक चीजों को पूरा करते हुए अपना पद भार संभाला। केडीए वीसी अरविंद सिंह ने कागजातों में हस्ताक्षर कराए और नियुक्ति पत्र पर हस्ताक्षर कर उऩ्हें सेकंड फ्लोर पर कमरा नंबर 206 दिया।
बता दें कि मीनाक्षा ने ओएसडी के पद पर ज्वाइनिंग करते ही कहा कि मुख्यमंत्री योगी जी से बस मेरी एक विनती और है। मैं चाहती हूं कि मेरा ट्रायल केस गोरखपुर से कानपुर ट्रांसफर कर दिया जाए। जिससे मुझे आने-जाने में कोई परेशान नहीं हो। वहीं केडीए वीसी अरविन्द सिंह का कहना है कि सीएम साहब ने हरसंभव आपकी मदद करने के निर्देश दिए हैं। साथ जल्द से जल्द आपकी नौकरी ज्वाइन कराने के आदेश भी मुख्यमंत्री मोहदय ने ही दिए थे।
यह है पूरा मामला...
कानपुर के निवासी कारोबारी मनीष गुप्ता और गुरुग्राम के उनके दो दोस्त हरवीर और प्रदीप 27 सितंबर को गोरखपुर आए थे। ये तीनों युवक तारामंडल इलाके में होटल कृष्णा पैलेस में ठहरे। रात 12 बजे पुलिस यहां चेकिंग करने के लिए पहुंची। कमरे की तलाशी ली गई। इस पर मनीष ने आपत्ति जताई तो पुलिस से उनका विवाद हो गया। आरोप है कि पुलिस वालों ने पिटाई कर दी, जिससे उनकी मौत हो गई। शुरुआत में पुलिस ने नशे में गिरने से मौत बताया। बाद में मामला बढ़ा तो केस दर्ज किया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मनीष के शरीर और शरीर पर चोट के निशान मिले। पत्नी मीनाक्षी की तहरीर पर पुलिस ने तीन नामजद और तीन अज्ञात के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया।
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