लखनऊ में कांग्रेस के राजभवन के घेराव के बीच कई दिग्गज नेताओं को हाउस अरेस्ट किया गया है। इस बीच वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कई मामलों को लेकर जांच की मांग उठाई है।
लखनऊ: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी, मीडिया विभाग के चेयरमैन नसीमुद्दीन सिद्दीकी समेत कांग्रेस के कई नेताओं को गुरुवार सुबह हाउस अरेस्ट कर लिया गया। राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ और दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में पुलिस के दाखिल होने के विरोध में कांग्रेस की ओर से राजभवन का घेराव किया गया था।
प्रमोद तिवारी ने कहा- जान बूझकर किया जा रहा है परेशान
बताया जा रहा है कि राजभवन घेराव से पहले ही राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी सुबह साढ़े 12 बजे लखनऊ के लाल बहादुर शास्त्री मार्ग पर स्थित अपने आवास पर मीडिया से बातचीत करने वाले थे। हालांकि उससे पहले ही उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया गया। वहीं प्रमोद तिवारी ने कहा कि जो व्यक्ति एक राष्ट्रीय पार्टी का अध्यक्ष रहा हो उस व्यक्ति को लगातार ईडी कार्यालय में बुलाया जा रहा है। इस बीच बीजेपी कह रही है कि हंगामा क्यों बरपा है? जबकि जान बूझ कर उन्हें परेशान किया जा रहा है। कांग्रेस कार्यकर्ता सत्याग्रह कर रहे है फिर भी पुलिस से बर्बरता करवाई जा रही है।
इन मामलों में जांच की उठाई मांग
प्रमोदी तिवारी ने कहा कि पी चिदम्बरम की पसली टूट गयी जबकि राहुल गांधी को अगर जांच में सहयोग नहीं करना होता तो वह कोर्ट जाते कार्यालय नहीं। राहुल गांधी उस परिवार से है जिन्होंने आजादी में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस समय ईडी सरकार के इशारे पर काम कर रही है। जेपीसी का गठन हो जाये या एक स्पेशल। बेंच से मॉनिटर करे और जांच की जाए। बड़ा मुद्दा है श्रीलंका में पॉवर प्रोजेक्ट लगाने के लिए मदद की गई है। मुझे बुरा लग रहा है कि हमारे पीएम पर आरोप लगे लेकिन जांच होनी जरूरी है। चौकसी भाई का मुद्दा है इसकी भी जांच होनी चाहिए। देश को लाखों करोङों की चोट देने वालो पर आरोप नहीं लगा रहा बल्कि जांच की मांग कर रहा हूं। इसी के साथ उन्होंने कहा कि राहुल गांधी आज भी कार्यालय पर गए हैं और कल भी ईडी कार्यालय जाएंगे।
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