श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में कोर्ट ने सुनवाई की। इस बीच सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को नोटिस भी जारी किया गया है। मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट की ओऱ से तारीख तय की गई है।
मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में लखनऊ के रहने वाले मनीष यादव के वाद पर सोमवार को सुनवाई हुई। यह सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन के न्यायालय में हुई। शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी की ओर से कहा गया कि वर्शिप एक्ट के तहत यह वाद सुनवाई के योग्य नहीं है लिहाजा इसे खारिज किया जाए। मामले में न्यायालय ने अगली सुनवाई के लिए 12 अक्टूबर की तिथि दी है।
शाही ईदगाह कमेटी ने कहा- ईदगाह हटाने की मांग बेबुनियाद
मनीष यादव के द्वारा दाखिल किए गए वाद में श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर से शाही मस्जिद ईदगाह को हटाने की मांग की गई है। शाही ईदगाह कमेटी के अधिवक्ता नीरज शर्मा के द्वारा कहा गया कि वर्शिप एक्ट 1991 के तहत 15 अगस्त 1947 से पहले निर्मित किया गया कोई भी धार्मिक स्थल नहीं हटाया जा सकता है। लिहाजा ईदगाह को हटाने की मांग पूरी तरह से बेबुनियाद है। इसी के चलते उन्होंने वाद को खारिज करने की मांग भी की। हालांकि इस मामले में अब आगे की सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी।
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से नहीं हाजिर हुआ कोई
वहीं इस बीच अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह के द्वारा मांग की गई कि जन्मस्थान से जुड़े हुए सभी वादों की सुनवाई के लिए विशेष कोर्ट का गठन किया जाए। जिला जज के न्यायालय में इस मामले पर भी सुनवाई थी। लेकिन सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से सुनवाई के दौरान कोई हाजिर नहीं हुआ। इसी के चलते कोर्ट ने वक्फ बोर्ड को फिर से नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है। मामले में अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी। गौरतलब है कि लगातार मांग हो रही है कि मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान से 13.37 एकड़ भूमि जिस पर शाही ईदगाह है उसे हटवाया जाए। सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में 13.37 एकड़ भूमि को मुक्त करवाने, शाही ईदगाह का सर्वे कराने और कोर्ट कमीशन नियुक्त करने की मांग को लेकर सुनवाई जारी है।