मऊ के भगोड़ा घोषित विधायक और बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी ने कोर्ट में पहुंचकर खुद को सरेंडर किया। पुलिस टीम को चकमा देकर अब्बास अधिवक्ता के साथ कोर्ट पहुंचा। उसके बाद आत्मसमर्पण की अर्जी उनके वकील ने अदालत में पेश की।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मऊ के सदर विधायक और बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी ने शुक्रवार को कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। काफी लंबे समय से पुलिस उनकी तलाश कर रही थी पर कई प्रयासों के बाद भी अब्बास अंसारी को पुलिस पकड़ने में नाकामयाब हो रही थी। पुलिस टीम को चकमा देकर माफिया मुख्तार के बेटे अब्बास अधिवक्ता के साथ कोर्ट पहुंचा। एमपी-एमएलए की कोर्ट श्वेता चौधरी की अदालत में हेट स्पीट मामले में सरेंडर किया। उनके आत्मसमर्पण की जानकारी होने के बाद परिसर में काफी गहमागहमी हो गई। उन पर आचार संहिता के दौरान हेट स्पीच का मामला दर्ज किया गया था। गिरफ्तारी पर रोक लगते ही अब्बास अंसारी सैफई पहुंचे और अखिलेश यादव से मुलाकात भी की। सोशल मीडिया पर दोनों के मुलाकात की फोटो खूब वायरल हुई।
अब्बास समेत उमर अंसारी ने भी किया सरेंडर
मऊ के विधायक अब्बास अंसारी के साथ ही मंसूर और उमर अंसारी ने भी उनके साथ जिला न्यायालय में सरेंडर किया। इस दौरान उनके समर्थक परिसर में मौजूद रहे। अब्बास अपने अधिवक्ता के साथ कोर्ट परिसर में गुपचुप तरीके से पहुंचे और अदालत में आत्मसमर्पण की अर्जी उनके अधिवक्ता ने अदालत में पेश की। जिसके बाद कोर्ट में उनके आत्मसमर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस बीच वह अपने अधिवक्ता से बातचीत करने और विधिक प्रक्रिया में व्यस्त नजर आए। अब्बास अंसारी को मऊ जिले की पुलिस के अलावा कई अन्य मामलों में लखनऊ पुलिस को भी तलाश थी।
मुचलके पर मिला रिहाई का आदेश
यूपी विधानसभा चुनाव के समय बतौर सुभासपा प्रत्याशी मऊ सदर सीट पर प्रचार के दौरान हेट स्पीच देने के मामले में सदर विधायक अब्बास अंसारी सहित तीन वांछित आरोपियों ने एमपी एमएलए मजिस्ट्रेट श्वेता चौधरी की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। आरोपियों की तरफ से आत्मसमर्पण व जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में ले लिया और उन्हें जमानत देते हुए मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया और इस मामले में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल हो चुकी है।
यूपी सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने मांगा था जवाब
बता दें कि दो दिन पहले यानी बुधवार को अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से आर्म्स एक्ट के केस में अंतरिम राहत मिली थी। इसके साथ ही यूपी सरकार को निर्देश दिया गया था कि वह आगामी आदेश तक अब्बास के खिलाफ कोई प्रतिबंधात्मक कार्रवाई न करे। सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी की याचिका पर योगी सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। वहीं दूसरी ओर एमपी-एमएलए कोर्ट ने उनकी संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया था। मऊ में अब्बास अंसारी के खिलाफ यूपी विधानसबा चुनाव के दौरान भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ था। इसी मामले में एसीजेएम एमपी-एमएलए कोर्ट ने विधायक अंसारी व उसके भाई उमर अंसारी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था।