प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना संकट के वक्त में आर्थिक पैकेज की घोषणा पर विपक्ष ने अपनी तीखी प्रक्रिया दी है। प्रधानमंत्री के 20 लाख करोड़ की सहायता पैकेज पर जहां सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मजाक के रूप में लिया है वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस पर अपनी सलाह दी है
लखनऊ(Uttar Pradesh). प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना संकट के वक्त में आर्थिक पैकेज की घोषणा पर विपक्ष ने अपनी तीखी प्रक्रिया दी है। प्रधानमंत्री के 20 लाख करोड़ की सहायता पैकेज पर जहां सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मजाक के रूप में लिया है वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस पर अपनी सलाह दी है। अखिलेश यादव ने बुधवार को ट्वीट कर लिखा पहले 15 लाख का झूठा वादा किया और अब 20 लाख करोड़ का दावा, इस पर कोई कैसे एतबार करे। वहीं मायावती ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए निजी क्षेत्र की बजाए सरकारी पहल व इसके जरिए पर विकास की जरूरत पर बल दिया है।
प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार शाम 8 बजे देश को संबोधित किया था। उन्होंने इस दौरान कोरोना संकट में 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी । पीएम की इस घोषणा के बाद विपक्षी दलों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी थीं। उत्तर प्रदेश की दो प्रमुख राजनैतिक पार्टियों के मुखिया ने इस आर्थिक पैकेज पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। अखिलेश यादव ने इस आर्थिक पैकेज पर सरकार का मजाक उड़ाया है।
अखिलेश यादव बोले-इस दावे पर कैसे ऐतबार किया जाए
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज पर प्रतिक्रिया देते हुए दो ट्वीट किये, जिसमें उन्होंने कहा कि "पहले 15 लाख का झूठा वादा किया और अब 20 लाख करोड़ का दावा, इस पर कोई कैसे एतबार करे। उन्होंने यह भी कहा कि संकट के समय में भी गरीबों की अनदेखी करना अमानवीय है। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में लिखा कि 'पहले 15 लाख का झूठा वादा और अब 20 लाख करोड़ का दावा...। अबकी बार लगभग 133 करोड़ लोगों को 133 गुना बड़े जुमले की मार...। ऐ बाबू कोई भला कैसे करे एतबार...। अब लोग ये नहीं पूछ रहे हैं कि 20 लाख करोड़ में कितने जीरो होते हैं बल्कि ये पूछ रहे हैं उसमें कितनी गोल-गोल गोली होती हैं।''
मायावती ने दी सलाह, आत्म-निर्भर बनाने की जरूरत
बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रधानमंत्री के राहत पैकेज की घोषणा पर ट्वीट कर लिखा "बी.एस.पी. का मानना है कि भारत को आत्म निर्भर बनाने के अति-अहम मामले में प्राइवेट सेक्टर के बजाए सरकारी पहल व इसके जरिए देश की पूंजी में विकास की ज्यादा जरूरत है। इसपर ईमानदारी से अमल करने से ही गरीबी व बेरोजगारी सहित देश की अन्य और भी मूलभूत समस्याओं का समाधान संभव होगा।"