बहुजन समाजवादी पार्टी मायावती ने सोशल मीडिया के जरिए केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि आर्मी रिक्रूटमेन्ट रैलियों पर अनवरत पाबन्दी का बुरा प्रभाव सेना की तैयारियों पर नीचे तक पड़ेगा। अब जबकि कोरोना के हालात नार्मल हैं, केन्द्र सरकार दोनों पहलुओं पर यथासमय पुनर्विचार करे।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद बहुजन समाजवादी पार्टी की सुप्रीमो मायावती पहले से ज्यादा एक्टिव मोड पर नजर आ रही है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कोरोना के बाद सेना की भर्ती पर लगी रोक को लेकर भारतीय जनता पार्टी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए केंद्र सरकार को सु्झाव देते हुए कहा कि आर्मी रिक्रूटमेन्ट रैलियों पर अनवरत पाबन्दी का बुरा प्रभाव सेना की तैयारियों पर नीचे तक पड़ेगा। अब जबकि कोरोना के हालात नार्मल हैं, केन्द्र सरकार दोनों पहलुओं पर यथासमय पुनर्विचार करे।
पिछले दो साल से लगी हुई रोक आगे लगातार रहेगी जारी
बसपा मुखिया मायावती ने कोरोना के बाद सेना की भर्ती पर लगी रोक को लेकर बीजेपी सरकार पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण सेना में भर्ती रैलियों के आयोजन पर पिछले दो साल से लगी हुई रोक अभी आगे लगातार जारी रहेगी। संसद में दी गई यह जानकारी निश्चय ही देश के नौजवानों, बेरोजगार परिवारों व खासकर सेना में भर्ती का जज़्बा रखने वाले परिश्रमी युवाओं के लिए अच्छी ख़बर नहीं है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सैन्य अफसर भी हैं चिन्तित
मायावती ने आगे कहा कि मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इसको लेकर सैन्य अफसर भी चिन्तित हैं, क्योंकि उनके अनुसार इस आर्मी रिक्रूटमेन्ट रैलियों पर अनवरत पाबन्दी का बुरा प्रभाव सेना की तैयारियों पर नीचे तक पड़ेगा। अब जबकि कोरोना के हालात नार्मल हैं, केन्द्र सरकार दोनों पहलुओं पर यथासमय पुनर्विचार करे।
मायावती ने सभी इकाइयों को किया था भंग
बता दें कि इससे पहले रविवार को बसपा मुखिया मायावती ने प्रदेश के पार्टी कार्यालय में राज्य स्तरीय बैठक बुलाई थी। इस बैठक में उन्होंने यूपी में मिली हार को लेकर समीक्षा की है। इसके साथ ही उन्होंने जिला और विधानसभा प्रभारी को छोड़कर सभी इकाइयों को भंग कर दिया और हर 3 मंडल पर एक जोन बनाया गया है। प्रदेश प्रभारी सीधे मायावती को रिपोर्ट करेंगे।
बसपा अध्यक्ष मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर के साथ यूपी की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। विधानसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी के जनाधार को फिर से वापस लाने में जुटेंगे। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में बसपा प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में से सिर्फ एक सीट पर ही जीत दर्ज कर सकी है। इस शर्मनाक प्रदर्शन के बाद बसपा के वोटबैंक का एक बड़ा हिस्सा अन्य पार्टियों में शिफ्ट भी हो चुका है।
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