सार
ओपी राजभर ने कहा है कि अखिलेश को उन्हें बुलाना चाहिए था। उन्होंने यह भी कहा है कि परिवार में झगड़े तो होते रहते हैं। साथ ही कहा कि जहां परिवार में सैकड़ों लोग हों, कोई ना कोई नाराजगी होती रहती है। परिवार में कभी-कभी होता है। परिवार में नाराजगी-खुशी तो होती ही है, कभी खुशी कभी गम।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर सपा परिवार में शुरू हुए विवाद की चर्चाएं जोरों पर हैं। चाचा शिवपाल औऱ अखिलेश के बीच विवाद बढ़ता नजर आ रहा है। सपा विधानमंडल दल की बैठक में नहीं बुलाए जाने से नाराज शिवपाल यादव ने दिल्ली जाकर बड़े भाई मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की है।
'परिवार में नाराजगी-खुशी होती रहती है'
इसको लेकर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) चीफ ओपी राजभर ने कहा है कि अखिलेश को उन्हें बुलाना चाहिए था। उन्होंने यह भी कहा है कि परिवार में झगड़े तो होते रहते हैं। साथ ही कहा कि जहां परिवार में सैकड़ों लोग हों, कोई ना कोई नाराजगी होती रहती है। परिवार में कभी-कभी होता है। परिवार में नाराजगी-खुशी तो होती ही है, कभी खुशी कभी गम।
वह सपा विधायक के तौर पर आना चाहते थे जबकि सपा उन्हें सपा विधायक के बजाए प्रसपा अध्यक्ष के तौर पर ज्यादा अहमियत दे रही है। इसलिए उन्हें सहयोगी दल में रखा हुआ है। लेकिन शिवपाल के तेवर बता रहे हैं कि अब वह बड़ा निर्णय कर सकते हैं।
समाजवादी पार्टी विधानमंडल दल की बैठक में न बुलाए जाने से नाराज होकर शिवपाल यादव रविवार को दिल्ली रवाना हुए। इससे पहले उन्होंने इटावा जाकर कुछ खास लोगों से मुलाकात की। जिसके बाद अब शिवपाल यादव दिल्ली के लिए निकल पड़े हैं। वहीं उनके इस तरह से देश की राजधानी का रुख करने के बाद राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई है।
'जब अफने और परायों में भेद न पता हो तो महाभारत होती है'
शिवपाल यादव का इससे पहले यह भी बयान सामने आया कि जब अपने और परायों में भेद नहीं पता होता है तब महाभारत होती है। उन्होंने कहा कि यह धर्म और राजनीति दोनों पर नीति लागू होती है। शिवपाल में कहा कि जिन प्रत्याशियों ने साइकिल के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ा उसमें उनकी जीत सबसे बड़ी हुई है। बावजूद इसके उन्हें विधायकों की बैठक में कोई बुलावा नहीं भेजा गया। यही कारण है कि वह बैठक में शामिल नहीं हुए।
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