मेरठ में डीन पर हमले के बाद गिरफ्तारी से बचने की कोशिश में लगी प्रो. आरती, चला ये नया दांव

मेरठ में डीन पर हुए हमले के बाद आरोपी प्रो. आरती गिरफ्तारी से बचने के प्रयास में लगी हैं। प्रो. आरती ने विवि को मेल कर दो दिनों की छुट्टी और बढ़ाने का अनुरोध किया है। माना जा रहा है कि वह इस दौरान अग्रिम जमानत लेने का प्रयास करेंगीं। वहीं पुलिस ने भी वारंट के लिए अर्जी लगा दी है। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 24, 2022 7:23 AM IST

मेरठ: सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय स्थित पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय के डीन पर हमले मामले में आरोपी महिला प्रोफेसर लगातार खुद को बचाने की कोशिश में लगी हुई हैं। डीन डॉ. राजवीर सिंह पर हुए जानलेवा हमले में महिला प्रोफेसर आरती भटेले मुख्य आरोपित हैं। हालांकि उन्होंने अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए नया दांव चल दिया है। उन्होंने विवि को मेल कर दो दिन की छुट्टी बढ़ाने के लिए अनुरोध किया है। माना जा रहा है कि आरती भटेले अग्रिम जमानत लेने की फिराक में लगी हुई हैं। इसी के चलते वह गिरफ्तारी से बचने को लेकर तमाम दांवपेंच लगा रही हैं। 

वहीं इस बीच पुलिस ने भी आरती की गिरफ्तारी नहीं होने पर कोर्ट से वारंट के लिए अर्जी लगा दी है। वहीं इस बीच पुलिस ने शूटर नदीम की तलाश में भी कई जगहों पर दबिश दी। इसी कड़ी में हसनपुर हाफिजपुर में दौराला पुलिस ने दबिश डाली। हालांकि पुलिस को सफलता नहीं मिल सकी। 

यह है पूरा मामला 
11 मार्च की शाम को कंकरखेड़ा थाना अंतर्गत डिफेंस एन्क्लेव निवासी डीन राजवीर सिंह पर हमला किया गया। यह हमला कृषि विश्वविद्यालय जाने वाले मार्ग पर हुआ। अभी डीन की हालत पूरी तरह से ठीक नहीं बताई जा रही है। हालांकि इस बीच वह परिवार और चिकित्सकों की बात को समझने लगे हैं। इस दौरान दस दिन के भीतर ही पुलिस ने सोमवार को इस घटना का पर्दाफाश कर दिया था। 

पुलिस की ओर से खुलासा करते हुए बताया गया था कि महिला प्रोफेसर आरती भटेले ने प्रेमी अनिल बालियान और मुनेंद्र बाना के साथ मिलकर ही इस हमले की साजिश रची थी। इसके लिए उन्होंने शूटर आशु चड्ढा और नदीम को 5 लाख की सुपारी दी थी। सुपारी देकर ही यह जानलेवा हमला करवाया गया था। 

डीन बनना चाहती थीं आरती
इस हमले के पीछे का कारण है कि प्रो. आरती खुद डीन बनना चाहती थी। इसी के चलते उन्होंने डॉ. राजवीर को रास्ते से हटाने का प्लान तैयार किया। डीन बनकर आरती अनिल सिंह की बेटी आकांक्षा की नौकरी वेटनरी कॉलेज में लगवाना चाहती थीं। लिहाजा इस पूरी वारदात की पटकथा तैयार की गई। वहीं इस खुलासे के साथ ही पुलिस अब तक अनिल, आशु औऱ मुनेंद्र को जेल भेज चुकी है। 

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