इनामी आरोपी तांत्रिक को पुलिस ने किया गिरफ्तार, 16 साल पहले इस घटना को अंजाम देकर था फरार

मिर्जापुर में 16 साल पहले प्रसाद में जहर खिलाकर चार हत्या और लूट की करने वाले ओझा तांत्रिक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने उस पर 50 हजार का इनाम घोषित किया था। हत्यारे तांत्रिक ने जहर खिलाकर जेवर व नगदी लूटकर फरार हो गया था।

मिर्जापुर: उत्तर प्रदेश के जिले मिर्जापुर में 16 साल पहले प्रसाद में जहर खिलाकर हत्या व लूट की वारदात को अंजाम दिया गया था। शहर की पुलिस ने 16 साल पहले हुई घटना को अंजाम देने वाले ओझा तांत्रिक को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उसे गुजरात के सूरत से गिरफ्तार किया गया है। हत्यारा तांत्रिक इतना शातिर है कि वह वहां नाम बदलकर भिन्डी बाजार में कारपेंटर का काम कर रहा था। इतना ही नहीं हत्यारे के ऊपर पुलिस ने भगोड़ा घोषित करने के साथ 50 हजार का इनाम भी घोषित किया था। 

परिवार के साथ गुजरात में था रहता
गुजरात में रहने के बाद वह जब भी यूपी आता था तो चोरी छिपे जिले में आता था। जिसके बाद होटल व धर्मशाला में रूकता था। आरोपी तांत्रिक को गिरफ्तार करने के लिए शहर कोतवाली पुलिस, स्वाट और एसओजी टीम ने कड़ी मशक्कत की थी। जानकारी के अनुसार उसकी पहचान पप्पू उर्फ ओमप्रकाश विश्वकर्मा देहात कोतवाली क्षेत्र के अर्जुन पुर का निवासी बताया गया है। वह इन दिनों गुजरात में ही परिवार के साथ रह रहा था। काफी लंबे समय से फरार चल रहे इनामी बदमाश को दबोचने के लिए थाना कोतवाली शहर व स्वाट, एसओजी, सर्विलांस की संयुक्त टीम ने किया है।

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2006 में चार लोगों की थी हत्या
सभी की भागदारी की वजह से 16 सालों से हत्या के अभियोग में फरार चल रहा 50 हजार का ईनामिया अभियुक्त गिरफ्तार कर लिया गया। एसपी सिटी संजय कुमार के मुताबिक 14 नवम्बर 2006 में शहर कोतवाली में हत्या का मामला दर्ज किया गया था। उस वक्त ओझाई करने वाले पप्पू विश्वकर्मा ने एक ही परिवार के 4 लोगों की जहर खिलाकर निर्मम हत्या कर दी थी। उसने प्रसाद के नाम पर खीर बनवाई और उसमें जहर मिला दिया था। जिसे प्रसाद समझकर खाने वाले राधेश्याम उनकी पत्नी लक्ष्मी और दो पुत्र राजेंद्र और संतोष की मौत हो गई थी।

हत्या कर लूटा था नगदी व जेवर
एसपी सिटी संजय कुमार आगे बताते है कि जहर खाने से चारों की मौत के बाद आरोपी तांत्रिक जेवर और नगदी समेटकर फरार हो गया था। वारदात को अंजाम देने के बाद पप्पू उर्फ ओमप्रकाश विश्वकर्मा फरार चल रहा था।  डीआईजी विन्ध्याचल परिक्षेत्र ने पूर्व में घोषित 5 हजार रुपये का पुरस्कार बढ़ाकर 50 हजार कर दिया गया था। हत्यारा पप्पू उर्फ ओमप्रकाश विश्वकर्मा अपना नाम बदलकर राजू विश्वकर्मा गुलशन नगर, भिन्डी बाजार, सूरत गुजरात के पते पर रह रहा था। जानकारी मिलने पर पुलिस ने उसे धर दबोचा। 16 साल बाद पुलिस के हाथों बड़ी कामयाबी मिली है कि एक ही परिवार के चार लोगों की हत्यारा आराम से बाहर घूम रहा था।

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