मवेशियों के इलाज के लिए यूपी में संचालित होंगे मोबाइल अस्पताल, अगले सप्ताह CM योगी करेंगे शुरुआत

Published : Jan 01, 2022, 11:25 AM IST
मवेशियों के इलाज के लिए यूपी में संचालित होंगे मोबाइल अस्पताल, अगले सप्ताह CM योगी करेंगे शुरुआत

सार

निदेशक इंद्रमणि ने बताया कि जनवरी के पहले सप्ताह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi adityanath) सेवा की शुरुआत करेंगे। चुनाव आचार संहिता के पहले ही संचालन शुरू होने की संभावना है। पहले चरण में 20 मोबाइल चिकित्सालय के साथ शुरू होने वाली सेवा के लिए पशुपालन निदेशक डा.इंद्रमणि ने जीवीके-ईएमआरआई के वाइस प्रेसिडेंट टीवीएसके रेड्डी को संचालन का पत्र सौंपा।

लखनऊ: प्रदेश में 108 और 102 सेवा के माध्यम से आम लोगों को अस्पताल (Hospitals) पहुंचाने वाली जीवीके-ईएमआरआई (GVK-EMRI) अब मवेशियों के लिए मोबाइल अस्पताल (Mobile hospital) का संचालन भी करेगी। पहले चरण में 20 मोबाइल चिकित्सालय के साथ शुरू होने वाली सेवा के लिए पशुपालन निदेशक डा.इंद्रमणि ने जीवीके-ईएमआरआई के वाइस प्रेसिडेंट टीवीएसके रेड्डी को संचालन का पत्र सौंपा। निदेशक इंद्रमणि ने बताया कि जनवरी के पहले सप्ताह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi adityanath) सेवा की शुरुआत करेंगे। चुनाव आचार संहिता के पहले ही संचालन शुरू होने की संभावना है। 

5.20 करोड़ मवेशियों के लिए शुरू होंगे 520 मोबाइल अस्पताल
सरकार की पहल पर यह नई व्यवस्था शुरू हो रही है। सूबे में 5.20 करोड़ मवेशी हैं। एक लाख की संख्या पर एक मोबाइल चिकित्सालय होगा। ऐसे में 520 मोबाइल अस्पताल कार्य करेंगे। 2016 में मवेशियों के लिए एंबुलेंस सेवा के बाद अब इस मोबाइल अस्पताल की शुरुआत से पशुपालकों को मवेशियों के इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। पशुपालक टोल फ्री नंबर 1962 पर फोन करके अपनी लोकेशन बता कर मोबाइल अस्पताल को अपने घर बुला सकते हैं। एक लाख मवेशियों पर एक मोबाइल पशुचिकित्सालय होगा। पशुचिकित्सालय में चिकित्सक के साथ ही अन्य स्टाफ होंगे जो मवेशियों का पशुपालकों के घर पर ही निशुल्क इलाज करेंगे। 

सूबे में 5.20 करोड़ मवेशी
 पशुपालन विभाग के उप निदेशक डा.वीके सिह ने बताया कि प्रदेश में 5.20 करोड़ मवेशी हैं। 520 मोबाइल चिकित्सालयों के माध्यम से सभी मवेशियों को इलाज की सुविधा दी जाएगी। पशुपालन विभाग की ओर से सात साल बाद 2019 मेें हुई गणना में देसी गाेवंश में 31.71 लाख की कमी आई है वहीं विदेश नस्ल की गाय के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। वर्ष 2012 में सूबे में विदेशी नस्ल के गोवंश की संख्या 35.79 लाख थी जो 2019 में बढ़कर 61.23 लाख पहुंच गई है। सूबे में दोनों को मिलाकर गोवंश की संख्या 1.90 करोड़ है।

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