काशी विश्वनाथ धाम में पर्यटकों का मोबाइल निभाएंगा टूरिस्ट गाइड की भूमिका, मंदिर प्रशासन ने की खास तैयारी

यूपी की बाबा विश्वनाथ के भव्य दरबार को हाईटेक टेक्नोलॉजी से जोड़ने का काम शुरू हो गया है। इस खास सॉफ्टवेयर को एक करोड़ से ज्‍यादा की कीमत में तैयार करने के लिए तैयारियां शुरू हो चुकी है। इसके आने के बाद पर्यटकों का खुद का फोन ही धाम के दर्शन के दौरान गाइड की भूमिका निभाएगा।

Asianet News Hindi | Published : Sep 6, 2022 10:59 AM IST

वाराणसी: उत्तर प्रदेश की विश्वनाथ नगरी काशी में अब एक और सुविधा शुरू होने जा रही है। भोलेनाथ की नगरी के भव्य दरबार को अब हाईटेक टेक्नोलॉजी से जोड़ने का काम शुरू हो गया है। धाम में घूमने आए पर्यटकों को अब टूरिस्ट गाइट की जरूरत नहीं होगी क्योंकि शहर में स्थिति मंदिर और भवनों की जानकारियों के लिए अब स्मार्ट फोन ही टूरिस्टर गाइड बनेगा। इसको लेकर मंदिर प्रशासन ने खास तरह का सॉफ्टवेयर तैयार करना शुरू कर दिया है। उसकी मदद से सिर्फ एक स्कैन पर आप सब कुछ जान पाएंगे।

सॉफ्टवेयर के तैयार करने में दो महीने का लगेगा समय
काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार विश्वकर्मा ने मोबाइल को टूरिस्ट गाइड बनाने के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस सॉफ्टवेयर की खास बात ये होगी कि जैसे ही श्रद्धालु बाबा धाम में आएंगे उनका मोबाइल फोन ब्लूटूथ के जरिए इससे कनेक्ट हो जाएगा और फिर जैसे-जैसे कोई भवन या मन्दिर आएगा उसकी जानकारी ऑडियो के माध्यम से मोबाइल फोन के जरिए श्रद्धालु जान सकेंगे। इतना ही नहीं इस सॉफ्टवेयर को 1 करोड़ 28 लाख रुपये से तैयार किया जाएगा। नॉर्दन कोल इंडिया लिमिटेड के सीएसआर फंड से इस सॉफ्टवेयर को तैयार किया जाएगा, जिसमें करीब दो महीने का समय लगेगा।

सॉफ्टवेयर बनने से हजारों पर्यटकों को होगा फायदा
मोबाइल को टूरिस्ट गाइड बनाने के लिए इस सॉफ्टवेयर को तैयार करने के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर और नार्दन कोल इंडिया लिमिटेड के बीच एमओयू भी साइन हुआ है। इसके तैयार होने के बाद यहां हर रोज आने वाले हजारों पर्यटकों को सीधे फायदा मिलेगा। उन्हें बाबा के धाम को घूमने के लिए किसी भी गाइड की जरूरत नहीं होगी। इसके साथ ही पर्यटक ऑडियो गाइड के जरिए धाम के बार में सही जानकारी भी प्राप्त कर सकेंगे। बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में 60 से अधिक ऐतिहासिक मंदिर हैं। इसके अलावा दो म्यूजियम के साथ-साथ कई खास भवन भी स्थापित हैं। जिसका इतिहास अपने आप में ही अनोखा है। 

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