बीमार बेटे की तबियत खराब होने पर मां को 30 किमी पैदल चलकर अस्पताल जाना पड़ा। इतनी लम्बी दूरी तक बेटे को लेकर जाने से मां की तबियत भी बिगड़ गई। हांलाकि इलाज के बाद मां-बेटे दोनों स्वस्थ हैं।
चित्रकूट(Uttar Pradesh ). देश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पूरे देश को लॉकडाउन किया गया है। सरकार ने भीड़ न इकट्ठा हो इसके लिए सारी दुकानों को बंद करने का भी आदेश जारी किया है। इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर तकरीबन सभी दुकाने व प्रतिष्ठान बंद हैं। सड़कों पर सरकारी व गैर सरकारी किसी भी सवारी वाहन के चलने पर रोक है। निजी गाड़ियों से भी जाने में पुलिस के लोग पूंछताछ कर रहे हैं। इन सब के बीच एक ऐसा मामला सामने आया है जहां बीमार बेटे की तबियत खराब होने पर मां को 30 किमी पैदल चलकर अस्पताल जाना पड़ा। इतनी लम्बी दूरी तक बेटे को लेकर जाने से मां की तबियत भी बिगड़ गई। हांलाकि इलाज के बाद मां-बेटे दोनों स्वस्थ हैं।
मामला यूपी के चित्रकूट का है। यहां गुप्त गोदावरी के पास रहने वाली मायादेवी के एक साल के बेटे की तबियत कुछ दिनों से खराब चल रही थी। उसने आसपास के डॉक्टरों को दिखाया लेकिन आराम नहीं हो रहा था। बुधवार की दोपहर बेटे तबियत अचानक ज्यादा खराब हो गई। जिसके बाद माया व उसके परिजन बेटे को गोद में लेकर निजी अस्पताल जाने के लिए निकले। लेकिन लॉकडाउन की वजह से उन्हें कोई साधन नहीं मिल रहा था। उधर बेटे की तबियत बिड़ता देख माया ने पैदल ही जाने का फैसला लिया।
30 किमी पैदल चलकर पहुंची अस्पताल
माया अपने बेटे को गोद में लेकर गुप्तगोदावरी से 30 किमी की दूरी पर स्थित कर्वी लेकर आई। इस दौरान पूरे रास्ते वह बेटे का चेहरा देखकर रोती रही। लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। उसने 30 किमी की दूरी पैदल ही तय कर स्टेशन रोड स्थित डा. सुरेंद्र अग्रवाल के क्लीनिक में बेटे को दिखाया। जहां उसे भर्ती कर लिया गया। एक दिन के इलाज के बाद बेटे की हालत में तेजी से सुधार हो रहा है। पैदल चलने से माया की तबियत खराब हो गई थी हांलाकि अब वह ठीक है।
अस्पताल में मौजूद लोगों ने की मदद
अस्पताल में मौजूद लोगों ने जब माया की दास्तान सुनी तो सभी के होश उड़ गए। लोगों ने तुरंत माया उसके और बेटे के लिए पानी व खाने का इंतजाम किया। इसके अलावा पैदल चलने की वजह से माया की भी तबियत ख़राब हो गई थी उसका भी इलाज करवाया गया। ये बात सुनते ही स्थानीय समाजसेवी ही माया की मदद को मौके पर पहुंचे।