बेटे को खोना नहीं चाहती थी मां, पति के जनाजे को कंधा देने से रोका, फिर ऐसे हुआ अंतिम संस्कार

बीएएमएस की पढ़ाई कर रहे बेटे के मुताबिक वो पिता के अंत समय में अपने बेटा होने का फर्ज अदा करना चाहते थे। लेकिन, मां की आंखों के आंसूओं ने उन्हें रोक दिया। इसके चलते दो डॉक्टरों व फार्मासिस्ट ने ही उनके पिता के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को उनकी मौजूदगी में पूरा किया। वहीं, मां का कहना था कि वो पति की तरह अपने इकलौते बेटे को खोना नहीं चाहती थी।

Abhinav Khare | Published : May 11, 2020 11:32 AM IST

ग्रेटर नोएडा ( Uttar Pradesh) । एक मां ने अपने इकलौते बेटे को उसके कोरोना पॉजिटिव पिता के जनाजे से हाथ लगाने से रोक दिया। वहीं, मृतक जिस धर्म से तालुक रखता था, उससे जुड़े लोगों ने भी कंधा देने से इंकार कर दिया। आखिर में पुलिस के सहयोग से स्वास्थ्य कर्मियों ने एहतियात बरतते हुए शव को सुपुर्द-ए-खाक किया। 

यह है पूरा मामला
परिजनों के इनकार के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बुजुर्ग के शव को दफनाने की जिम्मेदारी जिला क्वारंटाइन प्रभारी एवं एसीएमओ डॉ. वीबी ढाका, दादरी सीएचसी प्रभारी डॉ. अमित चौधरी व फार्मासिस्ट कपिल चौधरी को सौंपी। इसके बाद रात करीब 10 बजे बुजुर्ग के शव को नोएडा के ककराला गांव स्थित कब्रिस्तान पहुंचाया गया। वहीं, मृतक की पत्नी, बेटे और बेटी समेत सभी परिवार के सदस्यों को भी गलगोटिया यूनिवर्सिटी क्वारंटीन सेंटर से कब्रिस्तान लाया गया।

बेटे ने कही ये बातें
बीएएमएस की पढ़ाई कर रहे बेटे के मुताबिक वो पिता के अंत समय में अपने बेटा होने का फर्ज अदा करना चाहते थे। लेकिन, मां की आंखों के आंसूओं ने उन्हें रोक दिया। इसके चलते दो डॉक्टरों व फार्मासिस्ट ने ही उनके पिता के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को उनकी मौजूदगी में पूरा किया। वहीं, मां का कहना था कि वो पति की तरह अपने इकलौते बेटे को खोना नहीं चाहती थी।

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