मुजफ्फरनगर: डिलीवरी के बाद होती रही ब्लीडिंग, स्टॉफ ने नहीं ली सुध, 6 महिलाओं की बिगड़ी हालत और 2 की मौत

मुजफ्फरनगर के जिला महिला अस्पताल में डिलीवरी के बाद महिलाओं को कई घंटे तक ब्लीडिंग होती रही, लेकिन इसके बाद भी स्टॉफ ने उनकी खबर नहीं ली। हालत बिगड़ने पर उन्हें दूसरी जगह रेफर कर दिया गया। जहां पर दो महिलाओं की मौत हो गई।

मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश सरकार अक्सर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में सुधार के दावे करती नजर आती है। वहीं डिप्टी सीएम बृजेश पाठक भी अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर अस्पताल की व्यवस्थाओं का मुआयना करते नजर आते हैं। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग में लापरवाही की तस्वीरें सामने आया करती हैं। ऐसा ही एक मामला मुजफ्फरनगर के जिला महिला अस्पताल से सामने आया है। जहां पर लापरवाही की सारी हदें पार होती दिखीं। प्रसव के बाद रात में महिला को कई घंटे तक लगातार ब्लीडिंग होती रही लेकिन किसी ने भी उसकी सुध नहीं ली। 

अस्पताल प्रशासन मरीजों के साथ कर रहा लापरवाही
अधिक ब्लीडिंग होने के कारण जब महिला की हालत बिगड़ने लगी तो डॉक्टरों ने उन्हें फौरन दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया। अधिक ब्लीडिंग और ऑक्सीजन लेवल कम होने के कारण दो महिलाओं की मौत हो गई। मामले पर अस्पताल के स्टॉफ ने चुप्पी साध रखी है और जांच के नाम पर विभागीय अधिकारी केवल औपचारिकता निभा रहे हैं। ऐसे एक- दो केस नहीं है जिनमें अस्पताल प्रशासन ने लापरवाही दिखाई है। ऐसे न जाने कितने ही केस हैं जहां पर स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही का नतीजा मरीजों को भुगतना पड़ता है।

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डिलीवरी के बाद दो महिलाओं की हुई मौत
बीते 18 अगस्त को जिला महिला अस्पताल में छह महिलाओं की सीजेरियन डिलीवरी के बाद अचानक से हालत बिगड़ने लगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार, डिलीवरी लगभग 10 घंटे बाद अस्पताल में भर्ती महिलाओं की तबियत बिगड़ने लगी। उन्हें सांस लेने में तकलीफ के साथ ही टांकों सहित अन्य जगहों से ब्लीडिंग हो रही थी। परिजनों ने इसकी जानकारी स्टॉफ के दी। लेकिन उसके बाद भी रात भर महिलाओं की सुध लेने कोई नहीं आया। जब डॉक्टर सुबह अस्पताल पहुंचे तो उन्होंने हालत गंभीर देखते हुए महिलाओं को हायर सेंटर रेफर कर दिया।

जानें, क्या बोले अधिकारी
हायर सेंटर में दो महिलाओं की मौत हो गई। इस घटना के बाद लोगों में सरकारी अस्पताल में डिलीवरी कराने को लेकर डर बैठ गया है। महिलाओं को एक जैसी समस्या होने पर और दो महिलाओं की मौत के बाद वार्ड सहित ओटी परिसर करीब 10 दिनों तक बंद रहा। वहीं मीडिया में मामला आने के बाद डा. अनिता सिंह ने 10 दिन बाद रविवार शाम को पहली डिलीवरी कराई है। वहीं सहारनपुर एमडी हेल्थ डा. ब्रिजेश राठौर ने कहा कि जिला महिला अस्पताल मुजफ्फरनगर में डिलीवरी के बाद कुछ महिलाओं को ब्लीडिंग होने की जानकारी मिली है। लेकिन उनकी मौत की जानकारी उन्हें नहीं है। उन्होंने कहा कि मामले की गंभीरता से जांच करवाई जाएगी।

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