यूपी के आगरा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक जूते बनाने वाली फैक्ट्री में पिछले तकरीबन 10 दिनों से अजीबोगरीब डरावनी आवाजें आ रही थीं। वहां काम करने वाले कर्मचारी इसको लेकर काफी डरे हुए थे। आसपास व छत पर देखने से कुछ दिखाई नहीं देता था, लेकिन कुछ रुक-रुक कर ये डरावनी आवाजें फिर से आने लगती थीं। बताया जाता है कि फैक्ट्री के मालिक ने इसके लिए पूजा पाठ व मंत्रों का जाप भी करवाया। लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ
आगरा( Uttar Pradesh). 21वीं सदी की दुनिया हाईटेक है। लोग तंत्र-मंत्र व भूत प्रेत पर विश्वास नहीं करते हैं। लेकिन कभी-कभी ऐसी घटनाएं हो जाती हैं कि लोगों की रूह कांप उठती हैं। ऐसे ही यूपी के आगरा से एक मामला सामने आया है। यहां एक जूते बनाने वाली फैक्ट्री में पिछले तकरीबन 10 दिनों से अजीबोगरीब डरावनी आवाजें आ रही थीं। वहां काम करने वाले कर्मचारी इसको लेकर काफी डरे हुए थे। आसपास व छत पर देखने से कुछ दिखाई नहीं देता था, लेकिन कुछ रुक-रुक कर ये डरावनी आवाजें फिर से आने लगती थीं। बताया जाता है कि फैक्ट्री के मालिक ने इसके लिए पूजा पाठ व मंत्रों का जाप भी करवाया। लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ। फिर अचानक इन आवाजों की ऐसी सच्चाई सामने आई कि सभी चौंक गए।
आगरा का सिकन्दरा इंडस्ट्रीयल एरिया आबादी से दूर सूनसान स्थान पर है। यहां कुछ फैक्ट्रियों के अलावा रिहायशी इलाका नहीं है। लॉकडाउन में तकरीबन 2 महीने से सभी फैक्ट्रियां बंद थीं। अनलॉक- 1 में जब इनमे फिर से काम शुरू हुआ तो यहां स्थित जूते का सोल बनाने वाली एक फैक्ट्री में अजीबोगरीब घटना घटने लगी। यहां ऑफिस की तरफ से कुछ अजीबोगरीब डरावनी आवाजें आने लगीं। इन कर्मचारियों ने जाकर देखा तो उन्हें कुछ दिखाई नहीं दिया। लेकिन कुछ रुक-रुक कर ये आवाजें जब आती ही रहीं तो इसकी सूचना फैक्ट्री के मालिक को दी गई।
कराया गया पूजा-पाठ व मंत्रों का जाप
सूत्रों की मानें तो जब आवाजें बंद नहीं हुईं तो फैक्ट्री के मालिक ने वहां पूजा-पाठ के साथ ही मंत्रों का जाप करवाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। थक हारकर पूरे स्टाफ ने खुद ही इस समस्या का हल निकालने का साहस जुटाया। जब इंसानों की मौजूदगी में भी आवाज़ें आने लगीं तो स्टाफ को कुछ शक हुआ। ऑफिस की सीलिंग में किसी पशु-पक्षी या कीड़े के फंसे होने की आशंका के चलते वाइल्ड लाइफ की टीम को बुलाया गया।
वाइल्ड लाइफ की टीम ने खोला ये राज
स्टाफ की सूचना पर वाइल्ड लाइफ की टीम मौके पर पहुंची और पड़ताल शुरू किया। टीम ने जब सीलिंग के अंदर झांककर देखा तो उसमे एक सीविट कैट (जंगली बिल्ली) फंसी हुई थी। रेस्क्यू टीम ने इस सीविट कैट को निकालने का प्रयास किया। टीम को अत्यधिक सावधानी बरतनी थी, क्योंकि बिल्ली पहले से ही बहुत कष्ट में थी और कई दिनों से फंसे होने के कारण बेहद कमजोर हो गई थी। उन्होंने सावधानी से सीविट कैट को निकालने के लिए छत के पैनलों को हटाया और उसे सफलता पूर्वक रेस्क्यू केज में ले लिया।
सीविट कैट का चल रहा इलाज
वाइल्ड लाइफ एसओएस की मेडिकल सर्विस के डिप्टी डॉयरेक्टर डॉ. एस. इलियाराजा के मुताबिक आगरा के सिकंदरा स्थित शू सोल बनाने वाली फैक्ट्री के ऑफिस की सीलिंग में एक एशियाई पाम सीविट कैट फंस गईं थी। कई दिनों तक फंसे रहने की वजह से सीविट कैट गंभीर रूप से कमजोर हो गई थी। अब वाइल्ड लाइफ एसओएस की रेस्क्यू फैसिलिटी में देखभाल के साथ उसका इलाज हो रहा है।