बलिया जिले की एक स्थानीय अदालत ने 6 साल पहले एक वृद्ध की हत्या करने के मामले में 10 आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में वृद्ध के पुत्र शशि कांत सिंह की शिकायत पर 10 लोगों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
बलिया: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बलिया (Ballia) जिले में 6 साल पहले एक बुजुर्ग की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। घटना के बाद एक तरफ पूरे इलाके में हड़कंप मचा तो वहीं, दूसरी तरफ पुलिस ने मृतक बुजुर्ग के बेटे की तहरीर पर गांव के 10 लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने जांच के बाद सभी आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। जिसके बाद गुरुवार को सभी आरोपियों को कोर्ट की ओर से आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई गई।
2016 में हुई थी बुजुर्ग की हत्या, मृतक के बेटे की तहरीर पर दर्ज हुआ था मुकदमा
बलिया जिले की एक स्थानीय अदालत ने 6 साल पहले एक वृद्ध की हत्या करने के मामले में 10 आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अभियोजन विभाग के संयुक्त निदेशक सुरेश पाठक ने शुक्रवार को बताया कि जिले के फेफना थाना क्षेत्र के गौरा त्रिमुहानी पर छह सितम्बर, 2016 की शाम चितबड़ागांव थाना क्षेत्र के करना गांव निवासी अशोक कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में सिंह के पुत्र शशि कांत सिंह की शिकायत पर भृगुनाथ सिंह, रंजीत यादव, राज कुमार यादव, मेवा यादव, सुरेश यादव, रामनाथ यादव, निरहू यादव, गौतम यादव, अजीत यादव एवं मंजित यादव के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
सभी 10 आरोपियों को जुर्माने के साथ मिली आजीवन कारावास की सजा
पुलिस टीम की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, वृद्ध की हत्या से जुड़े मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। जांच के बाद सभी आरोपियों के विरुद्ध अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया। उन्होंने बताया कि जिला न्यायाधीश जितेन्द्र कुमार पाण्डेय की अदालत ने बृहस्पतिवार को दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद सभी दस आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 20 - 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
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