यूपी विधानसभा चुनाव की मतगणना के दिन सपाईयों को गाड़ी चेक करना पड़ा भारी, 7 जिलों में दर्ज हुई FIR

मतगणना के दिन समाजवादी पार्टी के समर्थकों ने ईवीएम में धांधली करने का आरोप लगाते हुए मतगणना केन्द्रों में आने-जाने वाली सरकारी गाड़ियों की चेंकिग की। वहीं अब चेकिंग करने के अब 6 दिन बाद यूपी के सात जिलों में एक हजार से ज्यादा समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं व समर्थकों पर सरकार कार्य में बांधा डालने के मामले एफआईआर दर्ज की गई है। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 16, 2022 9:39 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की वोटिंग 7 मार्च को समाप्त हुई तो वहीं मतगणना 10 मार्च को पूरी तरह से करके चुनाव को संपन्न किया गया। लेकिन मतगणना के दिन समाजवादी पार्टी के समर्थकों ने ईवीएम में धांधली करने का आरोप लगाते हुए मतगणना केन्द्रों में आने-जाने वाली सरकारी गाड़ियों की चेंकिग की। उस दिन ऐसे कई मामले देखने को मिले। 

तो वहीं अब चेकिंग करने के अब 6 दिन बाद यूपी के सात जिलों में एक हजार से ज्यादा समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं व समर्थकों पर सरकार कार्य में बांधा डालने के मामले एफआईआर दर्ज की गई है। प्रदेश के हापुड़, सराहनपुर, बस्ती, गोरखपुर, बलिया, वाराणसी, आगारा जिलों में यह मुकदमें हुए है।

बता दें कि इन जिलों पर कार्यवाही शुरू हो चुकी है। हापुड़ में 36, सहारनपुर में 15, बस्ती में 100, गोरखपुर में 100, बलिया में 29, वाराणसी में 640 और आगरा में 85 सपाई समर्थक शामिल हैं।

इन 15 जिलों में हुआ हंगामा
8 मार्च से वाराणसी, लखनऊ, बरेली, जालौन, गोरखपुर, उन्नाव, सोनभद्र और मुरादाबाद समेत करीब 15 जिलों में सपा विधायक, प्रत्याशी और उनके समर्थकों ने EVM रखने के स्ट्रांग रूम की निगरानी के लिए घेराबंदी की थी। इस दौरान पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों पर सत्ता पक्ष का फेवर करने का आरोप भी लगाया गया था। बरेली में सपा नेताओं ने मतगणना स्थल पहुंचकर कीर्तन किया था। अलीगढ़ में DM आवास का घेराव हुआ था। गोंडा में भी सपा नेताओं की पुलिसकर्मियों से नोकझोंक हुई थी।

मतगणना से पहले स्ट्रांग रूम के बाहर की नारेबाजी
बता दें कि यूपी चुनावी नतीजों से पहले EVM को लेकर प्रदेशभर में हंगामा मचा हुआ था। आजमगढ़ में बेलइसा स्थित मतगणना स्थल से चंद दूरी पर पोस्टल बैलट पेपर बरामद हुए। यह बैलेट पेपर एक सरकारी स्कॉर्पियो में रखे हुए थे। इसके बाद सपा और अन्य दलों के नेताओं में हंगामा शुरू कर दिया था। गाड़ी में तोड़फोड़ की गई। उसके बाद स्ट्रांग रूम के बाहर लोग नारेबाजी भी की।

सूचना पाकर पहुंचे डीएम ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत किया। इस बीच नेताओं ने कहा, यदि लोकतंत्र की लूट हुई तो परिणाम घातक होंगे। डीएम अमृत त्रिपाठी ने बताया था कि गाड़ी से मिले पोस्टल बैलेट पेपर एक अनयूज्ड हैं। इसे पोल के बाद स्ट्रांग रूम में जमा करना होता है। लेकिन बीडीओ ने तय समय पर जमा नहीं कराया। इसे आरओ की कस्टडी में रखा गया था। बीडीओ के निलंबन के लिए आयोग को सिफारिश किया। उधर, बांदा में मतगणना स्थल पर बवाल हुआ था। पथराव में एक दरोगा का सिर फट गया। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर स्थिति संभाली थी।

उधर, बांदा में शाम 6 बजे सपा प्रत्याशी बृजेश प्रजापति ने डीएम की गाड़ी को मतगणना स्थल जाने से रोक लिया। इस पर डीएम नाराज हुए। उन्होंने सपा प्रत्याशी को फटकार भी लगाई। हालांकि सपा कार्यकर्ता हर एक सरकारी गाड़ी को रोककर चेक करने लगे। रात 9:30 बजे एसडीएम की गाड़ी बिना चेकिंग के मतगणना स्थल पहुंच गई। इस पर सपा समर्थक नाराज हो उठे। इसी बीच किसी ने पुलिसकर्मियों ने पर पथराव किया। इसमें बलखंडी नाका चौकी इंचार्ज का सिर फट गया। इसके बाद पीएसपी-पुलिस पहुंची। फोर्स ने लाठीचार्ज कर सपा समर्थकों को खदेड़ा है।

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