हफ्ते भर पहले दूध लेने निकले थे माता पिता, सवा साल की बच्ची कर रही घर लौटने का इंतजार

बच्ची के लिए दूध और डायपर लेने निकले थे। दोनों पर्यावरण को लेकर सामाजिक कार्य करते हैं। शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिये पुलिस ने उन्हें जेल में डाल दिया। तब से पूरा परिवार सो नहीं सका है।
 

Asianet News Hindi | Published : Dec 26, 2019 2:11 PM IST / Updated: Dec 27 2019, 11:16 AM IST

वाराणसी (उत्तर प्रदेश)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में सवा साल की एक बच्ची हफ्तेभर से अपनी मां और पिता के घर लौटने का इंतजार रही है। माता-पिता को अपने आसपास न पाकर बच्ची उदास रहने लगी है और मुश्किल से खा-पी रही है। बच्ची के परिवार वाले उसका दिल बहलाने और दूध पिलाने के लिए उसे झूठा दिलासा दे रहे हैं।

दादी रख रही बच्ची का ध्यान
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ‘क्लाइमेट एजेंडा’ नाम का एनजीओ चलाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता एकता और रवि शेखर की बेटी चंपक का ध्यान फिलहाल उसकी दादी शीला तिवारी रख रही हैं। एकता और शेखर को पुलिस ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन में कथित रूप से शामिल होने के सिलसिले में गिरफ्तार किया है।

जमानत पर दो जनवरी को होगी सुनवाई
पुलिस के मुताबिक, उनके खिलाफ संगीन धाराएं लगाई गई हैं। हालांकि, उन्हें अबतक अदालत से जमानत नहीं मिली है। अदालतों में छुट्टी रहने की वजह से जमानत पर सुनवाई दो जनवरी के बाद ही होने के आसार हैं।

19 को हुए थे गिरफ्तार
सीएए के खिलाफ 19 दिसंबर को शहर में हुए प्रदर्शन के बाद पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें शहर के महमूर गंज निवासी इस नन्ही बच्ची की मां एकता और पिता रवि शेखर भी शामिल हैं।

दूध और डायपर लेने निकले थे दोनों
बच्ची की दादी ने संवाददाताओं को बताया कि उनका बेटे और बहू बच्ची के लिए दूध और डायपर लेने निकले थे। दोनों पर्यावरण को लेकर सामाजिक कार्य करते हैं। शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिये पुलिस ने उन्हें जेल में डाल दिया। तब से पूरा परिवार सो नहीं सका है।

बच्ची ने खाना-पीना छोड़ दिया है
उन्होंने कहा कि बेटा और बहू के गिरफ्तार हो जाने के बाद से बच्ची को संभालने में बहुत दिक्कत हो रही है। बच्ची अपनी मां के बिना इतने दिन से रह रही है, उसपर क्या बीत रही है, उसका दर्द किसी को दिखाई नहीं पड़ रहा है। बच्ची ने खाना-पीना छोड़ दिया है और वह बहुत उदास रह रही है।

दादी कहती हैं बेटा आफिस गए हैं आपके मम्मी-पापा
उन्होंने बताया, ‘‘ बच्ची बिल्कुल नहीं खा रही है। अपनी मां और पिता को याद करती रहती है। हम दिलासा दे कर किसी तरह दो-चार चम्मच बच्ची को खिलाते हैं। जब वह बहुत ज्यादा मां और पिता को याद करती है तो हम कहते हैं कि आपके मम्मी-पापा दफ्तर गए हैं। अभी आ जाएंगे। इसके बाद इधर-उधर अपने माता-पिता को तलाश करती है और उदास बैठ जाती है।’’
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
 

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