धार्मिक समारोह में पहुंचे प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव, रामायण और महाभारत की कथा सुनाकर भाई-भतीजे पर बोला हमला

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव राज्य के इटावा जिले में धार्मिक समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और रामगोपाल पर सियासी तीर चलाए। बिना किसी का नाम लिए महाभारत का जिक्र किया।

इटावा: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी यानी प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव (Shivpal yadav) ने एक बार फिर इशारों इशारों में अपने भाई प्रोफेसर रामगोपाल यादव (Ram gopal yadav) और भतीजे व समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh yadav) पर निशाना साधते हुए कहा कि महाभारत का युद्ध एक गलती के कारण हुआ था। जिसने कौरवों के आस्तित्व को ही खत्म कर दिया। आपको बता दें कि प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव अपने निर्वाचन क्षेत्र जसवंतनगर के चौबेपुर में आयोजित एक धार्मिक समारोह में सोमवार रात शिरकत करने पहुंचे थे। इस कार्यक्रम में उन्होंने अखिलेश और रामगोपाल का बिना नाम लिए महाभारत का जिक्र किया और निशाना साधा। 

संकट से नहीं बचा सकता है कोई- शिवपाल
इस दौरान शिवपाल ने खुद को भगवान राम के छोटे भाई भरत और द्वापर में विष्णु अवतार भगवान श्री कृष्ण के चरित्र से जोड़ते हुए कहा कि संकट से कोई बच नहीं सका है। चाहे वह साधारण शख्स हो या फिर भगवान माने जाने वाला कोई महापुरूष रहा हो। संकट तो भगवान राम पर भी आया। प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल आगे कहते है कि भगवान राम का राजतिलक होने जा रहा था लेकिन कैकई के कारण उनको 14 साल वनवास की सजा दे दी गई। प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव आगे कहते है कि राम के वनवास के बाद भरत ने राम के चरण पादुका रख कर 14 साल राजपाट चलाया। लेकिन किसी को भी सवाल खड़ा होने का कोई मौका नहीं दिया। जबकि भगवान श्री कृष्ण का जन्म जेल में हुआ था। उनके मामा कंस ने अपनी बहन देवकी और बहनोई को जेल में डाल दिया था। जहां पर श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। 

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एक गलती के कारण युद्ध के बने हालात
प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने अखिलेश और रामगोपाल का नाम लिए बिना महाभारत का जिक्र करते है। कहते है कि कौरवों और पांडवों के बीच में महाभारत का युद्ध नहीं होता लेकिन एक गलती के कारण युद्ध के हालात बन गए। पांडवों को जुआ नहीं खेलना चाहिए था। अगर जुआ खेलना ही था तो दुर्योधन से खेलना चाहिए था, शकुनी से जुआ नहीं खेलना चाहिए था। पांडव ने तो केवल 5 गांव मांग रहे थे अगर पांडवों को 5 गांव मिल गए होते तो युद्ध होता हीं नहीं। कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध हुआ तो श्री कृष्ण पांडवों के सारथी बने और युद्ध पांडवों ने जीत लिया। बेहद दार्शनिक अंदाज में शिवपाल ने कहा कि कौरव सबसे शक्तिशाली और ताकतवर थे। लेकिन भगवान श्री कृष्ण के पांडवों के सारथी बनने से महाभारत का युद्ध पांडवों ने जीत लिया। करीब डेढ़ घंटे तक धार्मिक समारोह में रहे शिवपाल चौबेपुर गांव के लोगों से दिल खोल कर मिले और उनकी बातों को सुना।
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