
प्रयागराज: समाज बेटियों को लक्ष्मी का स्वरुप मानता है। बेटी के जन्म पर लक्ष्मी के आने का संकेत माना जाता है। माना जाता है कि बच्चे मां के सबसे करीब होते हैं। नौ महीने अपने गर्भ में बच्चे को पालने वाली मां अपनी जान से भी ज्यादा अपने बच्चे को प्यार करती है। वहीं एक ऐसी मां की क्रूरता सामने आई है। जिसे सुनकर आपको विश्वास करना मुश्किल हो जाएगा। बताया जा रहा है कि फाफामऊ के सेक्टर बी शांतिपुरम इलाके में एक अनजान शख्स एक मासूम नवजात को कूड़े के ढेर में फेंक कर चला गया।
कूड़े के ढेर में नवजात को फेंका
इस दौरान बच्ची के रोने की आवाज सुनकर जब एक शख्स ने पास जाकर देखा तो कूड़े के ढेर में नवजात पड़ी दिखी। यह देखने के बाद उसने आसपास के लोगों को मामले की जानकारी दी। जानकारी मिलने पर लोग मौके पर एकत्र हो गए। हालांकि इलाज के बाद भी बच्ची की जान नहीं बचाई जा सकी। बच्ची की जान चीटियों ने ली। कूड़े के आसपास बड़ी संख्या में चीटियां मौजूद थी। चीटियों ने नवजात के शरीर पर इतने जख्म कर दिए कि उसे डॉक्टर भी नहीं बचा पाए। बच्ची की मां का पता नही चल सका है कि आखिर क्यों उसने मासूम को मरने के लिए छोड़ दिया।
इलाज के दौरान हुई मासूम की मौत
घटना की जानकारी मिलने पर कर्नलगंज पुलिस ने मामले की जांच शुरुकर दी। आसपास के लोगों के इकट्ठा होने पर गांव के राजू पासी ने बच्ची को इलाज के लिए एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करवाया था। बच्ची की जान बचाने के लिए राजू की पत्नी ने उसे स्तनपान भी कराया था। मासूम को गोद लेने के लिए वहां पर लोगों का ताता लग गया। लेकिन जिम्मेदारों की ओर से बच्ची को चाइल्ड लाइन को सौंपने का फैसला लिया गया। हालांकि बच्ची किसी के भी पास जा पाती उससे पहले ही उसने देर रात चिल्ड्रेन अस्पताल में आखिरी सांस ली।
उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।