डॉक्टर का महंगा इलाज सुन मां ने धैर्य से किया काम, इस तरह से बेटे का हुआ फ्री में ऑपरेशन

यूपी की संगमनगरी प्रयागराज में एक महिला ने फेसबुक पर लोगों से सुझाव मांगा जिसके बाद वह अपने बेटे का इलाज फ्री में करवा पाई। डॉक्टरों के महंगे इलाज बताने के बाद मां ने धैर्य रखा और एक दिन अपने बेटे का ऑपरेशन फ्री में करवा सकी। 

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के जिले प्रयागराज में एक मां की जागरूकता से उसका बेटा आज ठीक हो गया। इतना ही नहीं बेटी की बचपन की परेशानी हमेशा के लिए ठीक हो गई। महिला की जागरूकता की वजह से वह अपने बेटे का ऑपरेशन फ्री में करवा पाई। दरअसल शहर के तेलियरगंज के अथर्व जो सिर्फ 11 महीने का है, उसका जन्म से ही दोनों पैर मुड़ा था। मासूम के घरवालों ने जब डॉक्टरों को दिखाया तो महंगा इलाज सुना दिया। जिसके बाद वह अपने घर वापस आ गए। डॉक्टर के मंहगे इलाज को सुनकर मां बैठी नहीं बल्कि ठान लिया कि वह बेटे का ऑपरेशन कराकर ही मानेगी।

फेसबुक पर लोगों से मांगे सुझाव 
बेटी की बिमारी के सुझाव के लिए महिला ने फेसबुक पर पोस्ट की। फेसबुक पर पोस्ट करने के बाद लोगों से सुझाव मांगा। इस बात पर लोगों ने क्लब फुट के बारे में जानकारी दी। अथर्व की मां को किसी ने  बताया कि ऐसे ऑपरेशन राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत फ्री में होता है। उसके बाद माता-पिता अगले दिन ही तेज बहादुर सप्रू चिकित्सालय पहुंचे। कुछ ही दिनों में वहां अथर्व का इलाज हो गया और अब वह दीवार के सहारे खुद खड़ा होकर सामान्य बच्चों की तरह चल लेता है।

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17 बच्चों की हुई सफल सर्जरी
इस मामले के बाद राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की नोडल अधिकारी ने बताया कि अप्रैल 2022 से जून तक आठ हजार दो सौ 22 बच्चों को चिन्हित किया गया था। इसमें से सात हजार पांच सौ 93 बच्चों के सामान्य बीमारियों का इलाज कराया गया। इनमें से 17 बच्चों की सफल सर्जरी की गई। उन्होंने आगे बताया कि हर गुरुवार को कॉल्विन और शनिवार को शहर के बेली अस्पताल में ओपीडी लगाकर ऑर्थोपेडिक सर्जन क्लब फुट से पीड़ित बच्चों को देखते हैं।

इस तरह से टीम करती है काम
वहीं दूसरी ओर मिराकल फीट फाउंडेशन के जिला कार्यक्रम अधिकारी विक्रांत विश्वास ने बताया कि बच्चे दिव्यांगता का दंश ने झेलें। इसी वजह से नेशनल हेल्थ मिशन के अंतर्गत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में सहयोगी संस्था मिराकल क्लब फुट क्लीनिक चलाती है। इस क्लब की टीम स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों को चिन्हित करती है। फिलहाल इस समय मंडलीय चिकित्सालय मोती लाल नेहरू में 64 और वहीं दूसरी ओर तेज बहादुर सप्रू चिकित्सालय जो कि बरेली में है, उसमें 63 क्लब फुट के बच्चों का इलाज चल रहा है।

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