उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसा शिक्षकों की भर्ती के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा के तर्ज पर मदरसा शिक्षक पात्रता परीक्षा लागू करने जा रही है। ताकि मदरसों में भाई-भतीजावाद को खत्म करके योग्य शिक्षकों की भर्ती करवाई जा सके। उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड इसका विस्तृत प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजने जा रहा है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार में दोबारा आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी सक्रिया है। हर विभाग को लेकर बदलावों के साथ ठोस कदम उठा रहे। इसी प्रकार राज्य में मदरसों में सुधार की दिशा में उठाए जा रहे कदमों में यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अब मदरसा शिक्षकों की भर्ती की व्यवस्था में लगाम लगाने जा रही है। दरअसल मदरसा शिक्षक भर्ती में अब भाई-भतीजावाद नहीं चलेगा। इसके लिए योगी सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टीईटी की तर्ज पर मदरसा शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी एमटीईटी को लागू करने का फैसला लिया है। इस परीक्षा को उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षक परिषद कराएगा। एमटीईटी पास करने वाले अभ्यार्थी ही मदरसों में शिक्षक बन सकेंगे।
मदरसों में योग्य शिक्षक नहीं पहुंच पाते
दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार से अनुदानित मदरसों में शिक्षकों के पद भरने का अधिकार वहां की ही प्रबंध समिति के पास होता है। जिसकी वजह से मदरसा प्रबंधक शिक्षकों की भर्ती में अपनी मनमानी करते हैं। ज्यादातर प्रबंधक मदरसों में अपने रिश्तेदारों को ही तैनात कर लेते हैं। उनके इस फैसले से कई बार मदरसों में योग्य शिक्षक नहीं आ पाते हैं। जिसका असर मदरसों की शिक्षा पर पड़ता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसी वजह से मदरसा शिक्षकों की भर्ती के नियमों में बड़ा बदलाव करने का निर्णय लिया है। इसके लिए उत्तर प्रदेश अरबी फारसी मदरसा मान्यता, प्रशासन एवं सेवा विनियमावली 2016 में जरूरी संशोधन किया जाएगा।
भर्ती में हो रहे बदलाव का प्रस्ताव शासन को जा रहा भेजा
मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ इफ्तिखार अहमद जावेद ने बताया कि मदरसों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए एमटीईटी का नियम लागू किया जा रहा है। इसको लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद एमटीईटी कराएगा। उसके बाद इस परीक्षा में जो अभ्यर्थी उत्तीर्ण होंगे वह मदरसा शिक्षक बनने के योग्य होंगे जिस प्रकार टीईटी में होता है। यानी मदरसों में अब जितने पद भी खाली है या भविष्य में रिक्त होंगे उनमें एमटीईटी पास करने वाले अभ्यर्थी ही शिक्षक बन सकेंगे। उन्होंने बताया कि इसका विस्तृत प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जा रहा है।