रामलला के दरबार से सीधे होंगे हनुमानगढ़ी के दर्शन, रामकोट के नाम से फेमस होगा 67 एकड़ एरिया

कोर्ट के फैसले के बाद से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए काम तेजी से चल रहा है। जन्मभूमि और आसपास की 67 एकड़ जमीन को विकसित करने का खाका तैयार कर लिया गया है। जिसमें इस पूरे क्षेत्र को हाईटेक सिटी के तौर पर डेवलप किया जाएगा। वहीं, ग्रीन बेल्ट के बीच जन्मभूमि पर रामलला विराजेंगे।

Asianet News Hindi | Published : Nov 20, 2019 1:23 PM IST

अयोध्या (Uttar Pradesh). कोर्ट के फैसले के बाद से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए काम तेजी से चल रहा है। जन्मभूमि और आसपास की 67 एकड़ जमीन को विकसित करने का खाका तैयार कर लिया गया है। जिसमें इस पूरे क्षेत्र को हाईटेक सिटी के तौर पर डेवलप किया जाएगा। वहीं, ग्रीन बेल्ट के बीच जन्मभूमि पर रामलला विराजेंगे। 

राम मंदिर दरबार से सीधे होंगे हनुमानगढ़ी के दर्शन
विहिप के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, संगठन के मॉडल पर बनने वाले राम मंदिर के गर्भगृह और रामदरबार का मुख पूर्व दिशा की ओर होगा। मंदिर के दरबार से सीधे हनुमानगढ़ी के दर्शन होंगे। पूरे क्षेत्र काे रामकोट नाम दिया गया है। श्रद्धालुओं और पूरे क्षेत्र की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है। फिलहाल, अस्थायी मंदिर में वैष्णव रामानंदी पद्धति से रामलला की पूजा हो रही है। आगे भी ऐसे ही जारी रहेगी। बता दें, 1994 में हाईकोर्ट ने भी वैष्णव रामानंदी पद्धति से पूजा का निर्णय दिया था।

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रामकोट के नाम से फेमस होगा 67 एकड़ एरिया
बता दें, जन्मभूमि के आसपास 67 एकड़ में तीन गांवाें ज्वालापुर, रामकोट और अवधखास की जमीन है। गर्भगृह का हिस्सा रामकोट में है। इसलिए पूरे क्षेत्र को रामकोट की परंपरागत पहचान देने का प्रस्ताव है। राम मंदिर में ट्रस्ट काे हर चीज नए सिरे से तैयार करनी है, जबकि बाकी मंदिरों की व्यवस्था ट्रस्ट काे साैंपी गई थी। वहीं, योगी सरकार ने अयोध्या के विकास के लिए महायोजना 2031 पर काम शुरू कर दिया है। 

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