सपा नेता आजम खान को हेट स्पीच मामले में मिली जमानत, कोर्ट से निकलकर बोले- कुछ नहीं बचा बताने को

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां को नफरती भाषण देने के एक मामले में निचली अदालत ने जमानत प्रदान कर दी। कोर्ट ने उन्हें 50-50 हजार के दो जमानती पेश करने और 50 हजार रुपये का मुचलका भरने के बाद जमानत प्रदान कर दी।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को हेट स्पीच मामले में रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट से तीन साल की सजा से राहत दे दी है। दरअसल सेशन कोर्ट से उन्हें रेगुलर जमानत मिल गई है। आजम खान ने सजा के खिलाफ सेशन कोर्ट में अपील दायर की है और कोर्ट ने अंतरिम जमानत पर चल रहे थे। उनका केस एमपीएमएलए कोर्ट में विचाराधीन है। इस मामले में जमानत के लिए आजम खां मंगलवार को कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट में वो लगभग चार घंटे तक रहे। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने 50-50 हजार रुपये के दो जमानती पेश करने और 50 हजार रुपये का मुचलका भरने के बाद जमानत दे दी है। सपा के वरिष्‍ठ नेता आजम खान को 15 साल पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो और पूर्व सीएम मायावती के खिलाफ टिप्‍पणी की थी। 

तीन साल की सजा गई थी सुनाई
ज्ञात हो कि 27 अक्टूबर को एमपी-एमएलए कोर्ट ने हेट स्पीच मामले में आजम को तीन साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने उन्हें साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भड़काऊ भाषण का दोषी मानते हुए यह सजा सुनाई थी। इसके साथ ही 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था। कोर्ट ने नफरती भाषण देने के मामले में उन्हें तीन साल की कैद और छह हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई थी। इस फैसले को आजम खां ने सेशन कोर्ट में चुनौती दी थी। सेशन कोर्ट ने आजम खां को 22 नवंबर तक के लिए अंतरिम जमानत दी थी।

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सजा मिलने के बाद गई थी सदस्यता
रामपुर विधानसभा सीट पर उनकी सदस्यता सजा मिलने के बाद चली गई थी और चुनाव का ऐलान कर दिया गया था। इस फैसले के खिलाफ भी आजम खान सुप्रीम कोर्ट और अपील का मौका नहीं मिलने का आरोप लगाया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर उन्हें सेशन कोर्ट में अपील का मौका मिला। मगर वहां से निराशा हाथ लगी और याचिका को खारिज कर दिया गया था। इस वजह से उनकी सजा बरकरार रही और पांच दिसंबर 2022 को इस सीट पर चुनाव होने जा रहा है।

2 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई
कोर्ट से बाहर निकलने के दौरान जब आजम खान से मीडियाकर्मियों ने उनकी प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की तो उन्होंने कहा, 'कुछ नहीं बचा है अब कहने को'। आजम खान ने सजा के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस मामले में अगली सुनवाई अब दो दिसंबर को होनी है। आजम खान के वकील जुबैर अहमद ने कोर्ट से बाहर आने के बाद मीडिया को बताया कि हेट स्पीच में दोषी ठहराए जाने के खिलाफ एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद बेल मंजूर कर दी गई है। कोर्ट से अपील के दौरान वह बेल पर रहेंगे।

दो साल की सजा होने पर रद्द हुई विधायकी
कानूनी मोर्चे पर घिरे आजम खान के बारे में अब राजनीतिक जानकारों का कहना है कि चुनावी सियासत में उनका कमबैक अब बहुत मुश्किल होगा। उनको धारा 153A, 505A और 125 के अंतर्गत दोषी पाया गया है और उनकी विधानसभा सदस्यता जा चुकी है। दरअसल एक विधायक के लिए जरूरी है कि उस पर ऐसा बड़ा मुकदमा न हो जिसमें उसे दो साल या उससे ज्यादा की सजा हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो विधायक की सदस्यता तय समय तक के लिए रद्द कर दी जाती है। उसका सीट खाली कराकर वहां उपचुनाव कराया जाता है और यही रामपुर में हो रहा है।

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