हेट स्पीच मामले में आजम खान को 3 साल की सजा, अब विधायकी पर भी मंडराया खतरा

रामपुर कोर्ट ने सपा नेता आजम खान को हेट स्पीच मामले में दोषी करार करते हुए तीन साल की सजा सुनाई है। साल 2019 में चुनाव के दौरान आजम खान ने तहसील मिलक में भाषण दिया था, जिसको लेकर कोर्ट का फैसला आया है।

Asianet News Hindi | Published : Oct 27, 2022 9:31 AM IST / Updated: Oct 27 2022, 05:56 PM IST

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के विधायक व पूर्व मंत्री आजम खान के द्वारा भड़काऊ भाषण देने के मामले में रामपुर कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। एमपी-एमएलए कोर्ट ने हेट स्पीच मामले में आजम खान को दोषी ठहराते हुए तीन साल की सजा और छह हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। तीन साल की सजा होने के चलते अब आजम खान की विधायकी पर भी खतरा मंडराने लगा है। हालांकि कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है और उन्हें फिर से जेल नहीं जाना होगा लेकिन कई मामलों में जमानत पर चल रहे आजम खान के लिए यह एक बड़ा झटका है। सपा नेता आजम को आईपीसी की धारा 153-ए, 505-ए और 125 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत दोषी करार दिया है। इसमें तीन साल की सजा का प्रावधान है। दरअसल साल 2019 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी और डीएम रामपुर के खिलाफ हेट स्पीच देने का आरोप है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था वीडियो
एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा फैसला आने के मद्देनजर कोर्ट परिसर के गेट, कलेक्ट्रेट के गेट के साथ-साथ बाहर सड़क पर भी पुलिस तैनात है। सपा नेता आजम खान के खिलाफ साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मिलक कोतवाली इलाके के खातानगरिया गांव में जनसभा को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने भड़काऊ भाषण दिया था, जिसकी वजह से दो वर्गों में नफरत फैल सकती थी। इतना ही नहीं इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। इसके बाद वीडियो अवलोकन टीम की प्रभारी अनिल कुमार चौहान की ओर से मामले की रिपोर्ट कोतवाली में दर्ज कराई गई थी। 

धमकी देने के साथ-साथ दंगा भड़काने का किया था प्रयास
साल 2019 का भाड़काऊ भाषण लोकसभा चुनाव का है। तब समाजवादी पार्टी और बसपा का गठबंधन था और वह चुनाव जीत गए थे। चुनाव प्रचार के दौरान उनके खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के कई मामले विभिन्न थानों में दर्ज हुए थे। इसमें उन पर आरोप है कि उन्होंने संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों और तत्कालीन जिलाधिकारी के लिए अपशब्द कहे। इस दौरान उन्होंने धमकी देने के साथ-साथ दंगा भड़काने का प्रयास किया। उनके द्वारा वर्ग विशेष धर्म के नाम पर वोट की अपील की गई थी। 

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