पिछले कुछ दिनों से यूपी में चर्चा का विषय बनी अनामिका शुक्ला का एक और सच सामने आ गया है। जिस अनामिका शुक्ला के डाक्यूमेंट्स के सहारे फर्जीवाड़ा कर 9 जगहों पर एक साथ अलग-अलग महिलाओं ने नौकरी करते हुए लाखों की सैलरी का भुगतान लिया वह तो बेरोजगार ही रह गई
लखनऊ(Uttar Pradesh). पिछले कुछ दिनों से यूपी में चर्चा का विषय बनी अनामिका शुक्ला का एक और सच सामने आ गया है। जिस अनामिका शुक्ला के डाक्यूमेंट्स के सहारे फर्जीवाड़ा कर 9 जगहों पर एक साथ अलग-अलग महिलाओं ने नौकरी करते हुए लाखों की सैलरी का भुगतान लिया वह तो बेरोजगार ही रह गई। यह सच उस वक्त सामने आया जब गोंडा निवासी असली अनामिका शुक्ला अपने डाक्यूमेंट्स के साथ बीएसए ऑफिस पहुंचीं। असली अनामिका शुक्ला अपना दर्द बयां करते रो पड़ी।
अनामिका शुक्ला ने शिक्षा विभाग में दिए गए शिकायती पत्र में लिखा है कि "मैंने वर्ष 2017 में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में साइंस टीचर के लिए अप्लाई किया था। पोस्टिंग के विकल्प के तौर पर सुलतानपुर, जौनपुर, बस्ती, मिर्जापुर और लखनऊ जिले भरे थे। लेकिन काउन्सलिंग में कहीं भी शामिल नहीं हुई क्योंकि उस दौरान मेरा आपरेशन हुआ था और बेटी पैदा हुई थी।"
एक ही जिले में हुआ जन्म,पढ़ाई और शादी
अनामिका शुक्ला के दस्तावेज पर प्रदेश के कई जनपदों में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में कई लोगों की नौकरी चल रही थी। अनामिका शुक्ला असल में गोंडा जिले की ही रहने वाली है। अनामिका शुक्ला ने गोंडा में ही पढ़ाई पूरी की और यहीं पर उनकी शादी भी हुई। वह अपने पति और बच्चे के साथ गोंडा में ही रह रही हैं।
सरकार से किया कड़ी कार्रवाई की मांग
अनामिका शुक्ला ने कहा कि मैं निर्दोष हूं और मेरे अभिलेखों का गलत प्रयोग कर कई जनपदों में नौकरी ले ली गई है। अनामिका अपने पति और बच्चे के साथ बीएसए दफ्तर पहुंचीं और एक-एक कर अपने अभिलेख प्रस्तुत किए। वहीं बीएसए इंद्रजीत प्रजापति ने बताया कि अब इस मामले का पटाक्षेप हो गया है। अनामिका गोंडा की ही हैं, लेकिन उसके शैक्षिक प्रमाण पत्रों का दुरुपयोग कर तमाम लोगों ने फर्जी नौकरी पा ली। पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।