एटा में बड़े मियां की दरगाह पर लगाए गए लाल रंग के ध्वज, स्थानीय लोगों ने किया मंदिर होने का दावा

एटा में बड़े मियां-छोटे मियां की दरगाह पर लाल रंग के ध्वज लगा दिए गए है। स्थानीय लोग दरगाह के स्थान पर मंदिर होने का दावा कर रहे हैं। इतना ही नहीं चढ़ावे में करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आने के बाद यह धार्मिक स्थल सुर्खियों में है। हालांकि यह स्थल दोनों धर्मों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है। 

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जिले एटा के जलेसर स्थित बड़े मियां-छोटे मियां की दरगाह सुर्खियों में है। क्योंकि दरगाह कमेटी के विवाद के बाद इस धार्मिक स्थल पर तरह-तरह के बदलाव देखने को मिल रहे हैं। इस दरगाह में जात से पहले यहां लाल रंग के दो ध्वज फहरा दिए गए जो बुधवार को भी दरगाह में लगे रहे। लेकिन इससे पहले दरगाह में हरे रंग के ध्वज फहराए जाते थे।

जलेसर स्थित बड़े मियां-छोटे मियां की दरगाह में स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां पूर्व में शनिदेव मंदिर था। इस दरगाह को अतिक्रमण कर बनाया गया था। जात की धार्मिक मान्यता मंदिर की ही है। एसडीएम अलीगंज अलंकार अग्रिहोत्री ने बताया कि जात करने के लिए हिंदू श्रद्धालु अधिक संख्या में आते हैं और धार्मिक परंपरा के अनुसार वह ध्वज चढ़ाते हैं। यह जो ध्वज लगा हुआ है श्रद्धालुओं ने ही लगा दिया है। 

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ग्राम पंचायत कर रहे मंदिर का दावा
एटा के जलेसर स्थित दरगाह के क्षेत्रीय विधायक संजीव दिवाकर और जलेसर देहात ग्राम पंचायत प्रधान शीलेंद्र सिंह भी इस जगह में शनिदेव मंदिर का दावा कर चुके हैं। इन दोनों का ही कहना है कि प्राचीन काल से इस स्थान पर शनिदेव का मंदिर स्थापित था। उसके बाद दरगाह कमेटी के लोगों ने अतिक्रमण कर निर्माण कर लिया है और धीरे-धीरे मंदिर का अस्तिव खत्म कर दिया। 

घोटाले के बाद प्रशासन रख रहा नजर
इस दरगाह में शनिजात के चढ़ावे में करोड़ों रुपए का घोटाले सामने आने के बाद दरगाह को प्रशासन अपने कब्जे में ले चुकी है। जिसके बाद से यहां की व्यवस्थाओं को सुधारा जा रहा है। बड़े मिया दरगाह के बाद अब छोटे मियां की दरगाह पर भी प्रशासन ने नजर रखना शुरू कर दिया है। 

यहां बड़े मियां दरगाह कमेटी पदाधिकारियों के परिजन का ही कब्जा था। कार्रवाई होने के बाद ये लोग कस्बा छोड़कर ही भाग गए। ग्राम पंचायत समिति सहित कुछ स्थानीय लोगों को देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी गई है। तो वहीं चढ़ावे में आने वाला पैसा सरकारी कोष में जमा किया जाएगा। एसडीएम ने बताया कि इस दरगाह के स्वामित्व, चढ़ावा आदि को लेकर भी जांच की जा रही है। गड़बड़ी मिलने पर यहां भी कार्रवाई की जाएगी। 

दोनों दरगाह के घोटाला आरोपी हैं फरार
बड़े मियां की दरगाह पर करोड़ो रुपए का घोटाला सामने आने के बाद प्रबंध समिति से जुड़े पदाधिकारी व सदस्य फरार हो गए। साथ ही छोटे मियां की दरगाह पर जात कराने वाले लोग भी इसी परिवार के थे, वह भी कार्रवाई के बाद से फरार हैं। जिसके बाद से बुधवार की जात के लिए जलेसर देहात ग्राम पंचायत से समिति और जैन समाज से जुड़े कुछ लोगों को देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी गई। दूसरी तरफ जैन समाज का दावा है कि उनका एक हिस्सा दरगाह में है। इसलिए बुधवार को इन्हीं लोगों की देखरेख में श्रद्धालुओं को जात कराई गई। 

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