देश की अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए चल रहा अनुष्ठान, मेवा और फलों की दी जा रही है आहुतियां

माघ मेले के पहले दिन से ही यह अनुष्ठान चल रहा है। मौनी बाबा ने बताया कि यह अनुष्ठान पूरे एक महीने तक चलेगा।
 

प्रयागराज (Uttar Pradesh)। माघ मेला क्षेत्र में देश के कोने-कोने साधु-संन्यासी आए हैं। ये अपने-अपने तरीके से जप-तप कर रहे हैं। इनमें एक हैं मौनी बाबा, जो इस समय 54 त्रिशूलों को लाल रंग में रंगकर विशेष अनुष्ठान कर रहे हैं। ये पूजा के दौरान मेवों व फलों की आहुतियां देतें हैं तो साथ ही हवन भी करते हैं। इनका दावा है कि उनके इस अनुष्ठान से देश की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा।

दिन में तीन बार करते हैं पूजा
अर्थव्यवस्था की मजबूती की खातिर मौनी बाबा के पंडाल में चौवन त्रिशूल को एक साथ रखकर उनकी दिन में तीन बार पूजा की जाती है। इन त्रिशूलों को खास लाल रंग में रंगा गया है। 

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मां लक्ष्मी को मनाने के लिए करते हैं मनुहार
हवन के समापन में भक्ति गीतों व भजनों के बीच आरती करते हैं। इस दौरान देश से रूठी हुई देवी लक्ष्मी के मनाने की मनुहार भी की जाती हैं।

एक माह चलेगा अनुष्ठान
माघ मेले के पहले दिन से ही यह अनुष्ठान चल रहा है। मौनी बाबा ने बताया कि यह अनुष्ठान पूरे एक महीने तक चलेगा।

 

लेटकर करते हैं स्नान
मौनी बाबा की माघ मेले में अलग पहचान है। वे पहले ही दिन से लोगों के आकर्षक का केंद्र है, क्योंकि वे लेटकर स्नान करने जाते हैं। इसके बाद वहां मालाओं को पहनकर तैयार होते हैं, जिसके बाद अनुष्ठान पर बैठते हैं।

साधु संतों की भी बनती है जिम्मेदारी
इस बारे में मौनी बाबा का कहना है कि अर्थव्यवस्था की कमज़ोरी से देश मे कोहराम मचा हुआ है। लोग काफ़ी परेशान हैं। ऐसे में यह साधु संतों की ज़िम्मेदारी बनती है कि वह देश के लिए और देशवासियों की मदद के लिए आगे आएं।

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