Inside Story: बीजेपी में आए RPN तो मैदान छोड़कर फाजिलनगर पहुंचे स्वामी प्रसाद, हार का डर या जनाधार की कमी

अभी कुछ ही दिन पहले स्वामी प्रसाद मौर्या भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हुए, इनके बारे में अब ये चर्चा हो रही है कि पड़रौना सीट से भाजपा के आरपीएन सिंह (RPN Singh) के आने की वजह से ही विधायक को मैदान छोड़ना पड़ रहा है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 2, 2022 7:11 AM IST / Updated: Feb 02 2022, 12:56 PM IST

अनुराग पाण्डेय
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव (UP Vidhansabha chunav 2022) में दल बदल के साथ ही नेताओं की उठा पटक भी जोरों पर चल रही है। कुशीनगर जिले की पड़रौना सीट (Padrauna seat) से तीन चुनाव में जीत दर्ज कर लगातार विधायक बने स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) को सपा ने इस बार फाजिलनगर से टिकट दिया है। अभी कुछ ही दिन पहले स्वामी प्रसाद मौर्या भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हुए, इनके बारे में अब ये चर्चा हो रही है कि पड़रौना सीट से भाजपा के आरपीएन सिंह (RPN Singh) के आने की वजह से ही विधायक को मैदान छोड़ना पड़ रहा है। हर किसी के मन में यही विचार आ रहा है कि हार के डर से स्वामी प्रसाद मौर्या ने सेफ जोन जाना पंसद किया है। जबकि अभी कुछ ही दिन पहले स्वामी प्रसाद मौर्या का बयान आया था कि अगर आरपीएन सिंह पड़रौना से लड़ते हैं तो उनके खिलाफ वो भी चुनाव लड़ेंगे। वहीं बुधवार को सपा ने जब फाजिलनगर से स्वामी प्रसाद को टिकट दिया तो हर कोई हैरान हो गया। 

फाजिलनगर का चुनावी इतिहास
बीजेपी के गंगा सिंह कुशवाहा फाजिलनगर से दो बार से विधायक हो रहे हैं। गंगा सिंह कुशवाहा ने साल 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा के विश्‍वनाथ को 41,922 वोटों के बड़े अंतर से हराया था। उससे पहले 2012 के विधानसभा चुनाव में गंगा सिंह को बसपा के कलामुद्दीन से कड़ी टक्‍कर मिली थी। उस वक्‍त जीत का अंतर 5,500 वोटों से भी कम रहा। 2007 में यहां से सपा टिकट पर विश्‍वनाथ विधायक बने थे।

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तीसरा विधानसभा फाजिलनगर से स्थानीय विधायक गंगा सिंह कुशवाहा का टिकट काट कर उनके बेटे सुरेंद्र कुशवाहा पर पार्टी ने दांव लगाया है। फाजिलनगर विधानसभा क्षेत्र कुशवाहा बाहुल्य क्षेत्र है। यहां लगभग 50 हजार कुशवाहा (कोइरी) वोटर हैं। पेशे से अध्यापक रहे गंगा सिंह कुशवाहा को बीजेपी ने 2012 और 2017 में उम्मीदवार बनाया था और दोनों बार विधायक चुने गए। विधायक गंगा सिंह के बेटे सुरेंद्र कुशवाहा की राजीनीति में यह पहली पारी है।

यहां है कुशवाहा बिरादरी का दबदबा
इस सीट पर चनऊ और कुशवाहा बिरादरी का दबदबा है। चुनावी इतिहास देखें तो इस सीट से लगभग हर पार्टी के उम्‍मीदवार को मौका मिला है। फिर भी इलाके में बिजली और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं का टोटा है। फाजिलनगर विधानसभा कुशीनगर जिले की वह सीट है जहां बीजेपी, सपा और बसपा के बीच टक्‍कर रहती है।
 

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