उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आरोप है कि यहां कुछ दबंगों ने एक युवक के माथे पर तेजाब से त्रिशूल बना दिया। पीड़ित ने इस मामले को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों से भी शिकायत की है। जिसके बाद पुलिस टीम की ओर से जांच की जा रही है।
सहारनपुर: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर (Saharanpur) में एक युवक ने आरोप लगाया कि उसके माथे पर त्रिशूल बना दिया गया। यह त्रिशूल तेजाब से बनाया गया है। जिसके बाद पीड़ित ने थाने (Police Station) पहुंचकर पुलिस से शिकायत की है। वहीं पुलिस से शिकायत के बाद आरोपी पीड़ित पर समझौते को लेकर दबाव बना रहे हैं। वहीं पीड़ित ने अधिकारियों से भी मदद की गुहार लगाई है।
पूरी घटना सदर बाजार थाना (Sadar Bajar Police Station) क्षेत्र की है। पीड़ित के इन आरोपों को लेकर पुलिस का अलग ही बयान यहां से सामने आ रहा है। पुलिस का कहना है कि आरोप पूरी तरह से गलत हैं और यह असल में होली के रंग का रिएक्शन है। दरअसल यह पूरा मामला उस दौरान सामने आया जब पीड़ित पुलिस लाइन पहुंचा। क्षेत्र के ही कांशीराम कॉलोनी में रहने वाला आदेश परिवार के साथ वहां पर पहुंचा। पीड़ित का कहना है कि उसने कृष्णापुर कालोनी के पास नींव खुदाई का ठेका लिया था। यहां कुछ अन्य युवक भी काम कर रहे थे। होली के दिन 18 मार्च को एक युवक ने उसे बुलाया और कमरे की सफाई करने के लिए कहा। इसी बीच उसका पैर लगने से एक युवक के शराब का गिलास गिर गया। जिसके बाद पीड़ित के साथ जमकर मारपीट की गई। फिर तेजाब से उसके माथे पर त्रिशूल बना दिया गया।
समझौते का बनाया जा रहा दबाव
मामले को लेकर पीड़ित ने बताया कि उसने घर पहुंचकर परिजनों से पूरी बात बताई। इसके बाद परिजन उसे लेकर थाने पहुंचे। थाने पहुंचने के बाद पुलिस ने उसका मेडिकल करवाया। इसके बाद अब आरोपी समझौते का दबाव बना रहे हैं। मामले में पीड़ित ने एसएसपी को प्रार्थनापत्र देकर कार्रवाई की मांग की है।
तेजाब नहीं रंग का बताया जा रहा रिएक्शन
मामले को लेकर एसएसपी आकाश तोमर का कहना है कि दोनों के बीच पैसों को लेकर विवाद चल रहा था। होली के दिन सभी ने एक साथ बैठकर शराब पी। इसके बाद एक दूसरे को रंग भी लगाया। इसी बीच कुछ रिएक्शन उसके चेहरे पर देखने को मिले। इसको लेकर निशान भी आ गए। पीड़ित की शिकायत के बाद उसका मेडिकल भी करवाया गया, हालांकि जांच में एसिड वाली बात सामने नहीं आई।
लगाए जा रहे झूठे आरोप
मामले को लेकर पुलिस का कहना है कि एसिड वाली बाती पूरी तरह से गलत है। दरअसल आदेश ने 10 हजार रुपए दोस्तों से उधार ले रखे थे। पैसे न देने पड़ें इसके लिए इस प्रकार के झूठे आरोप लगाए गए हैं। मामले की जांच की जा रही है जिसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।