अखिलेश यादव ने इसलिए सांसदी छोड़ विधायक बने रहने का लिया फैसला, बताई ये वजह

अखिलेश यादव ने कहा कि विधानसभा में उप्र के करोड़ों लोगों ने हमें नैतिक जीत दिलाकर ‘जन-आंदोलन का जनादेश’ दिया है। इसका मान रखने के लिए मैं करहल का प्रतिनिधित्व करूँगा व आज़मगढ़ की तरक़्क़ी के लिए भी हमेशा वचनबद्ध रहूँगा। महंगाई, बेरोज़गारी और सामाजिक अन्याय के ख़िलाफ़ संघर्ष के लिए ये त्याग ज़रूरी है। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 23, 2022 10:39 AM IST

लखनऊ: बीते एक दिन पहले मंगलवार को अखिलेश यादव ने सासंदी से इस्तीफा देकर विधायक बने रहने का फैसला लिया। कई दिनों से राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा थी की वो विधायक रहेंगे या सांसद। अखिलेश यादव ने इस सवाल पर विराम लगा दिया। अखिलेश के इस फैसले के बाद से बीजेपी हार के डर से इस्तीफा देने की बात कर रही है। 

करहल की जनता का मान रखने के लिए फैसला
अखिलेश यादव ने विधायक बने रहने का फैसला को लेकर ट्वीट किया जिसमें उन्होंने करहल की जनता का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा में उप्र के करोड़ों लोगों ने हमें नैतिक जीत दिलाकर ‘जन-आंदोलन का जनादेश’ दिया है। इसका मान रखने के लिए मैं करहल का प्रतिनिधित्व करूँगा व आज़मगढ़ की तरक़्क़ी के लिए भी हमेशा वचनबद्ध रहूँगा। महंगाई, बेरोज़गारी और सामाजिक अन्याय के ख़िलाफ़ संघर्ष के लिए ये त्याग ज़रूरी है।

आजम ने भी सासंदी दे दिया इस्तीफा
बता दें कि अखिलेश यादव के साथ ही समाजवादी पार्टी नेता और पूर्व मंत्री आजम खान ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। बता दें कि वह रामपुर से लोकसभा सांसद थे और इसी विधानसभा सीट से विधायक भी बने। आजम खान फिलहाल सीतापुर जेल में बंद हैं। उन्होंने जेल से ही विधानसभा चुनाव लड़ा था और बीजेपी के प्रत्याशी को 66 हजार से ज्यादा मतों से मात दी थी।

9 बार इस सीट से विधायक रहे आजम खान ने 10वीं बार विधायकी जीत ली। बीजेपी ने उनके खिलाफ आकाश सक्सेना को खड़ किया था। सक्सेना ने आजम खान के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज कराए थे। इसकी वजह से खान सीतापुर जेल में बंद हैं। आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम ने स्वार सीट से चुनाव लड़ा था। वह भी अपनी सीट से चुनाव जीत गए।

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