
प्रतापगढ़: समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव और पूर्व अध्यक्ष जिला पंचायत प्रतापगढ़ प्रमोद कुमार मौर्य ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। आरोप लगाया गया कि समाजवादी पार्टी ने मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज के प्रति उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाया। इसी के साथ समाजवादी पार्टी की मानसिकता को भी पत्र में समाज विरोधी बताया गया है।
पत्र में बताया गया कि 17 फरवरी 2018 को प्रमोद कुमार मौर्य ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता अखिलेश यादव को अपना नेता मानकर ग्रहण की थी। उस समय यह लगता था कि अखिलेश यादव दलितों, पिछड़ो के नेता हैं। प्रमोद ने पत्र में लिखा कि, समाजवादी पार्टी ज्वाइन करते समय मेरे कुछ शुभ चिन्तकों ने यह कहा था कि समाजवादी पार्टी केवल एक जाति विशेष के लोगों की पार्टी है, लेकिन फिर भी मैंने आपसे प्रभावित होकर समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के उपरान्त पार्टी में कार्य करते हुए हमने यह महसूस किया कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव केवल अपने जाति को बड़ी जाति मानते हैं तथा पार्टी की मीटिंगों में अक्सर मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी, पटेल व अन्य पिछड़ी जातियों को छोटा दिखाने की कोशिश करते रहते हैं।
एक लाख की आर्थिक मदद की घोषणा की और फिर किया इंकार
समाजवादी पार्टी में 75 जिलों में एक भी जिलाध्यक्ष मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज का नहीं है जो कि आपके समाजविरोधी होने का सबसे बड़ा प्रमाण है। कोरोना काल में हुई दुर्घटनाओं की मौत पर अखिलेश यादव द्वारा एक लाख रूपये की आर्थिक मदद की घोषणा की गई थी। उसी के क्रम में मेरे मौर्य समाज का एक व्यक्ति जो गोगौर प्रतापगढ़ का निवासी था, उसकी मृत्यु घर आते समय हो गई। उक्त पार्टी से मदद देने के लिए मैंने एस०आर०एस० यादव के माध्यम से आपसे वार्ता की तो आपने आर्थिक मदद देने से मना कर दिया। पूरे कोरोना काल में एक भी मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज के व्यक्ति को पार्टी द्वारा आर्थिक मदद प्रदान नहीं की गई।
इस तरह अन्य दुर्घटनाओं में जैसे हत्या आदि में मृत्यु होने पर भी समाजवादी पार्टी द्वारा प्रतिनिधि मण्डल भेजकर आर्थिक मदद प्रदान की जाती है। जनपद प्रतापगढ़ में अमर बहादुर मौर्य निवासी काजीपुर किलाई पट्टी प्रतापगढ़ व बैरमपुर, रानीगंज प्रतापगढ़ में मुस्लिम समाज) की हत्या होने पर प्रतिनिधि मण्डल भेजा गया था। आपके द्वारा बैरमपुर, रानीगंज, प्रतापगढ़ को एक लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई किन्तु स्व० अमर बहादुर मौर्य के परिवार को कोई आर्थिक सहायता प्रदान नहीं की गई। उक्त के सम्बन्ध में मैंने आपसे प्रदेश कार्यालय में मिलकर अवगत भी कराया था। जोकि आपकी समाज विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।
समाज विरोधी होने का भी आरोप लगाया
जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में जिला पंचायत सदस्य के चुनाव के पश्चात माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष आपके द्वारा स्थानीय नेताओं से फोन के माध्यम से यह कहा गया कि जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रत्याशी कौन होगा पूंछा गया जबकि आपको पता था कि मैं दो बार जिला पंचायत प्रतापगढ़ का अध्यक्ष रहा हूं तथा मेरी पत्नी डा० पुष्पलता मौर्या, चौथी बार जिला पंचायत सदस्य का चुनाव 5000 वोटों से जीती है। आपके द्वारा फोन से निर्देश देने के उपरान्त स्थानीय नेताओं ने मीटिंग करके यह कहा कि जब अखिलेश यादव ही जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए पैसे देंगे तो मौर्य समाज का व्यक्ति क्यों अध्यक्षी लड़े, हम लोग यादव समाज से ही लड़ाएगें और आपने एक ऐसे यादव समाज के प्रत्याशी को टिकट दे दिया जिनकी परिस्थितियां उस समय चुनाव लड़ने की नहीं थी। जो कि आपकी जातिवादी मानसिकता को भी प्रदर्शित करता है।
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