लॉकडाउन में पैदा हुए जुड़वा बच्चे, मां-बाप ने नाम रखा क्वारेंटाइन और सैनेटाइजर; बोले कभी नही भूलेगा ये दिन

एक महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया और दम्पति ने उनका नाम क्वारेंटाइन और सैनेटाइज़र रखा है। दंपत्ति का कहना है कि जिन दिनों और हालातों में इनका जन्म हुआ है वह लम्बे समय तक याद रखा जाएगा। इसलिए इनका नाम भी हालातों के अनुसार ही रखा गया है। 

Asianet News Hindi | Published : May 26, 2020 10:23 AM IST / Updated: May 26 2020, 04:00 PM IST

मेरठ(Uttar Pradesh).  कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा है। तकरीबन 2 महीने से चल रहे इस लॉकडाउन के बाद हाल ही में सरकार द्वारा कुछ छूट दी गई है। इस कोरोना संक्रमण से उपजे हालत ने लोगों की व्यक्तिगत जिन्दगी व दिनचर्या पर काफी असर डाल दिया है। मेरठ से ऐसी ही एक खबर आई है। यहां एक महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया और दम्पति ने उनका नाम क्वारेंटाइन और सैनेटाइज़र रखा है। दंपत्ति का कहना है कि जिन दिनों और हालातों में इनका जन्म हुआ है वह लम्बे समय तक याद रखा जाएगा। इसलिए इनका नाम भी हालातों के अनुसार ही रखा गया है। 

मेरठ के मोदीपुरम क्षेत्र के पबरसा गांव के रहने वाले वेनू और धर्मेन्द्र के एक बेटी पहले से है, जिसका नाम मनी है। यानि इस दम्पत्ति ने अपने पहली बिटिया का नाम भी बिलुकल अलग रखा। अब जबकि जुड़वा बच्चे हुए तो दोनों पति-पत्नी ने आपसी सहमति से बच्चों का नाम क्वारेंटाइन और सैनेटाइज़र रख दिया। पूरे गांव में जुड़वा बच्चों का नाम चर्चा का विषय बना है। वहीं इन जुड़वा बच्चों के माता-पिता का कहना है कि क्वारेंटाइन और सैनेटाइज़र अब उनकी जिन्दगी का अहम हिस्सा हो गए हैं। ये दोनों चीजें हमें सुरक्षा देती हैं। लिहाजा सुरक्षा का ये अहसास आजीवन बना रहे इसलिए उन्होंने अपने बच्चों का नाम क्वारेंटाइन और सैनेटाइजर रखा है। 

नाम से होता है सुरक्षा का अहसास 
दोनों जुडवा बच्चों क्वारेंटाइन और सैनेटाइजर की मां का कहना है कि डिलीवरी के वक्त उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। उन्हें हर जगह कोविड टेस्ट के लिए कहा गया। जिन महिला डॉक्टर को वो दिखा रही थीं, उन्होंने कह दिया कि जब तक कोविड 19 का टेस्ट नहीं होगा वो मरीज भर्ती नहीं करेंगी। ऐसे मौके पर जब कोई भी डॉक्टर डिलीवरी करने को राजी नहीं था तो डॉ प्रतिमा तोमर उनका सहारा बनीं। उन्होंने कोविड जांच भी कराई और सेफ डिलीवरी भी कराई। कोविड की जांच और बच्चों की सेफ डिलीवरी के बाद उन्हें क्वारेंटाइन और सैनेटाइज़र शब्द सुरक्षा के पर्यायवाची लगे, लिहाज़ा उन्होंने अपने बच्चों का नाम यही रख दिया। 
 

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