
पारस जैन
बागपत: उत्तर प्रदेश के बागपत डीएम के दरबार में यूं तो हर रोज कितने ही लोग फरियाद लेकर पहुंचते हैं। लेकिन शायद ये पहला मौका होगा कि जब सात साल की एक छोटी सी बच्ची फरियादी बनकर पहुंची हो। जाते ही डीएम अंकल नमस्ते बोली और फिर सीधे कहा डीएम अंकल हम बच्चों के लिए पार्क बनवा दीजिए। गली में कूड़ा भी नहीं उठता। लोग तालाब को भी कूड़े कचरे से गन्दा कर देते है। डीएम राजकमल यादव पहले तो बच्ची की बातों पर मुस्कुराते रहे। फिर बच्ची की हर मांग मान ली और बच्ची का हौंसला देखकर उसकी पीठ भी थपथपाई।
दरअसल बागपत जिले के चौगामा क्षेत्र के दोघट गॉव की रहने वाली गर्विका पंवार उर्फ ट्वीटी, कक्षा दो की छात्रा है। जिसकी उम्र सात वर्ष है और वह बडौत के सेंट फ्रांसीस स्कूल में पढ़ती है। ट्वीटी के पिता सुनील पंवार पेशे से वकील है। बच्ची खेल कूद को लेकर थोड़ा उत्साहित है। उसकी गली में खेलने के लिए न तो कोई पार्क है और नाही कोई और जगह। पास ही कुछ जगह भी खाली पड़ी है परंतु वह बदहाल है। अब ऐसे में छोटी बच्ची ट्वीटी को लगा कि क्यों न वो ही इसकी शुरुआत करे ताकि उसकी जो सहेली है, उन्हें भी एक पार्क का माहौल मिल सके। इसीलिए ट्वीटी सीधा अपने पापा को लेकर कि पापा मुझे डीएम अंकल से मिलना है।
बागपत डीएम बच्ची को देख हुए अचंभित
ट्वीटी सीधा डीएम साहब के दरबार में जा पहुचीं। डीएम के गेट पर जैसे ही सात साल की गर्विका उर्फ ट्वीटी ने एंट्री की तो छोटी सी बच्ची को देखकर डीएम भी अचंभित रह गए कि आखिर इतनी छोटी बच्ची यहां क्यों आयी है? आखिर क्या बात हो गयी। जब वह अंदर पहुचीं तो सीधे हाथ जोड़े और बोली अंकल नमस्ते। डीएम बागपत राजकमल यादव ने भी उठकर छोटी बच्ची को आशीर्वाद दिया और फिर वो डीएम साहब के सामने कुर्सी पर बैठ गयी। उनसे बातें करने लगी कि डीएम अंकल मेरे गांव में पार्क नहीं है। मेरो गांव का पार्क बनवाइये मेरी सहेलियां भी खेलती है। छोटी बच्ची की बातों को डीएम राजकमल पहले तो बड़े ध्यान से सुनते रहे और मुस्कुराते रहे। क्योंकि बच्ची की जो मांग थी वो भी वाजिब थी। अपने और अपनी सहेलियों के लिए कुछ वह करना चाहती थी। इसलिए डीएम साहब ने मंद-मंद मुस्काते हुए बोल दिया ओके बनवा देंगे और बताइए।
रखी दों और मांगे
जिसके बाद ट्वीटी ने डीएम के दरबार में अपनी कुल तीन मांगे रखी। जिनमें से एक को हरी झंडी मिल गयी। डीएम राजकमल यादव ने दोघट नगरपंचायत के ईओ मनीष को फोन किया और बोले कि दोघट में बच्चो के खेलने के लिए जल्द ही जगह ढूंढिए और सुंदर सा एक पार्क बनवाइए। इसके बाद सात साल की ट्वीटी ने डीएम साहब के सामने अपनी दो ओर बाते रखी। डीएम अंकल हमारे यहां कूड़े दान का लोग गलत प्रयोग करते है। उन्हें उठाकर फेक देते है। तो डीएम साहब बच्ची से बोले कि बेटा इसके लिए क्या किया जाए, बच्ची ने झट से समस्या का हल दिया और बोली डीएम अंकल कूड़े दान को फिक्स करवा दीजिये। डीएम साहब मुस्कुराए और बोले ओके।
इसी बीच डीएम राजकमल यादव ने बच्ची के हौसले को देखकर उसके लिए खाने को चिप्स और जूस का गिलास मंगवाया। बच्ची ने चिप्स खाते हुए डीएम साहब से बात की। तीसरी मांग रखी कि अंकल हमारे यहा तलाब गंदे है। उनमें कूड़ा कचरा भर गया है, उन्हें साफ करवा दो। डीएम साहब ने बच्ची की इस बात को भी मान लिया और त्वरित निर्देश किये कि तालाब की साफ सफाई करवाई जाए। बाद में ट्वीटी ने डीएम का धन्यवाद किया बोली थैंक यू डीएम अंकल। उसके बाद बच्ची अपने पिता सुनील पंवार के साथ घर लौट गई।
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