Special Story: योगी के गढ़ में लापता हो गया पंजा, यहां की 9 विधान सभा में कमल से लड़ रही साइकिल

हालत ये है कि गोरखपुर शहर सीट से योगी आदित्यनाथ के उम्मीद्वार घोषित होने के बाद कांग्रेस को अभी तक ऐसा चेहरा नहीं मिला पाया है, जो सीएम को चुनौती दे सके। जबकि पहले गोरखपुर कांग्रेस का ही गढ़ हुआ करता था। धीरे-धीरे कांग्रेस की पकड़ ढ़ीली पड़ती गई और यहां पर भाजपा काबिज हो गई।

अनुराग पाण्डेय
गोरखपुर:
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के गढ़ में कांग्रेस गायब होती नजर आ रही है। गोरखपुर की 9 विधानसभा सीट पर कहीं केवल भाजपा और साइकिल की लड़ाई चल रही है, तो कई सीट पर बसपा भी कांटे की टक्कर दे रही है। लेकिन यहां की किसी सीट पर कांग्रेस उम्मीद्वार का कोई नाम भी नहीं ले रहा है। हालत ये है कि गोरखपुर शहर सीट से योगी आदित्यनाथ के उम्मीद्वार घोषित होने के बाद कांग्रेस को अभी तक ऐसा चेहरा नहीं मिला पाया है, जो सीएम को चुनौती दे सके। जबकि पहले गोरखपुर कांग्रेस का ही गढ़ हुआ करता था। धीरे—धीरे कांग्रेस की पकड़ ढ़ीली पड़ती गई और यहां पर भाजपा काबिज हो गई।

गोरखपुर की 9 विधानसभा में शहर, गोरखपुर ग्रामीण, चौरी चौरा, कैंपियरगंज, खजनी, सहजनवा, बांसगांव, चिल्लूपार और पिपराइच में धीरे—धीरे हर दल अपने प्रत्याशी घोषत कर रहे हैं। वहीं अगर कांग्रेस पार्टी ने जहां भी प्रत्याशियों का उतारा है, वहां उनकी पहचान सबसे कमजोर प्रत्याशी के रूप में हो रही है। 

Latest Videos

साल 2017 में गठबंधन में लड़ी थी कांग्रेस
साल 2017 में कांग्रेस और सपा का गठबंधन था। गोरखपुर शहर से गठबंधन के रूप में कांग्रेस के राणा राहुल सिंह चुनाव लड़े थे। गठबंधन के बाद भी कांग्रेस प्रत्याशी को करारी हार का सामना सामना करना पड़ा था। साल 2017 विधान सभा चुनाव में गोरखपुर सदर सीट से भाजपा के राधा मोहन 122221 वोट पाकर विजयी हुए थे। जबकि कांग्रेस के राणा राहुल सिंह को 61491 वोट और बसपा के जनार्दन चौधरी को 24297 वोट मिले थे। यही एक ऐसी सीट थी जहां पर कांग्रेस दूसरी पोजिशन पर थी। बाकी जगह पर तो कांग्रेस का पता ही नहीं था। 

यहां होती है त्रिकोणीय लड़ाई
गोरखपुर की 9 विधानसभा सीट पर देखा जाए तो त्रिकोणीय लड़ाई देखने को मिलती आ रही है। हर बार भाजपा, सपा और बसपा के बीच टक्कर देखने को मिलती है। वहीं गोरखपुर शहर से भाजपा एक तरफ विजेता बनती आ रही है। 

कांग्रेस के पास नहीं कोई बड़ा चेहरा
वर्तमान समय में कांग्रेस के पास कोई गोरखपुर में ऐसा कोई बड़ा चेहरा नहीं है जिसके नाम पर कुछ वोट मिल सके। वहीं कांग्रेस का यहां गिरता ग्राफ देख यहां के नेता भी इस पार्टी से मुंह मोड़ने लगे हैं। वहीं गोरखपुर की सभी विधानसभा में जाने पर लोगों का रूझान देखें तो कोई भी कांग्रेस का नाम ही लेता है। ज्यादातर लोग भाजपा, सपा और बसपा की बात कर रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस को गोरखपुर अपनी पैठ बनाना इस चुनाव में मुश्किल दिख रहा है।

UP Election Info: उत्‍तर प्रदेश व‍िधानसभा चुनाव 2022 में 403 व‍िधानसभा सीट के ल‍िए पहले चरण का मतदान 10 फरवरी, दूसरा चरण 14 फरवरी, तीसरा चरण 20 फरवरी, चौथा चरण 23 फरवरी, पांचवां चरण 27 फरवरी, छठा चरण 3 मार्च और अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को है। कुल 7 चरणों में होगा यूपी में चुनाव। मतगणना 10 मार्च को होगी।


Inside Story: कानपुर की इस सीट पर है त्रिकोणीय मुकाबला, BJP-Congress ने की घेराबंदी, सपा की राह नहीं आसान

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

बांग्लादेश की अपील से कैसे बच सकती हैं शेख हसीना? ये है आसान रास्ता । Sheikh Hasina
मोहन भागवत के बयान पर क्यों बिफरे संत, क्या है नाराजगी की वजह । Mohan Bhagwat
LIVE 🔴: बाबा साहेब का अपमान नहीं होगा सहन , गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ बर्खास्तगी की उठी मांग'
कड़ाके की ठंड के बीच शिमला में बर्फबारी, झूमने को मजबूर हो गए सैलानी #Shorts
ठिकाने आई Bangladesh की अक्ल! यूनुस सरकार ने India के सामने फैलाए हाथ । Narendra Modi