सिख ने मस्जिद के लिए दान की अपनी जमीन, 1947 दंगों के बाद लाहौर से आई थी फैमिली

Published : Nov 27, 2019, 05:58 PM IST
सिख ने मस्जिद के लिए दान की अपनी जमीन, 1947 दंगों के बाद लाहौर से आई थी फैमिली

सार

अयोध्या फैसले के बाद कई लोग मस्जिद के लिए जमीन देने को आगे आ चुके हैं। इसी क्रम में मुजफ्फरनगर में 70 साल के सुखपाल सिंह बेदी ने गुरु नानक देव की 550वीं जयंती माह के मौके पर मस्जिद बनाने के लिए मुस्लिम समाज को अपनी जमीन दे दी।

मुजफ्फरनगर (Uttar Pradesh). अयोध्या में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कई लोग मस्जिद के लिए जमीन देने को आगे आ चुके हैं। इसी क्रम में मुजफ्फरनगर में 70 साल के सुखपाल सिंह बेदी ने गुरु नानक देव की 550वीं जयंती माह के मौके पर मस्जिद बनाने के लिए मुस्लिम समाज को अपनी जमीन दे दी। 

सिख ने मुस्लिम समाज को दी अपनी जमीन
सुखपाल सिंह ने पुरकाजी कस्बे में एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान नगर पंचायत अध्यक्ष जहीर फारुकी को अपनी 900 वर्ग फीट के प्लॉट के डॉक्यूमेंट सौंपे। साथ ही ऐलान किया कि उनकी जमीन पर भव्य मस्जिद बनाई जाए। उन्होंने कहा, इससे दोनों समुदायों में भाईचारा बढ़ेगा। कोर्ट के फैसले का दोनों समुदायों के लोगों ने दिल से स्वागत किया है। ये प्रेम हमेशा बना रहना चाहिए। 

कौन हैं सुखपाल सिंह 
किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले सुखपाल सिंह बेदी एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। इनके पास 7 बीघा जमीन है। 1947 के दंगों के बाद इनका परिवार पाकिस्तान के लाहौर से दिल्ली आया था। कुछ समय बाद वे पुरकाजी के शरणार्थी कैम्प में आ गए तब से यहीं रह रहे हैं।

पुरकाजी का रहा है पुराना इतिहास
2011 की जनगणना के अनुसार, पुरकाजी नगर पंचायत की आबादी 27,516 है। जहां मुस्लिम आबादी ज्यादा है। पुरकाजी में सुली वाला बाग में 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के समय 500 स्वतंत्रता सेनानियों को कलेक्टर ने ब्रिटिश सरकार की अवज्ञा पर फांसी देने का आदेश दिया था। पुरकाजी के नागरिक सुली वाले बाग को 'राष्ट्रीय शहीद स्थल' घोषित करने की मांग कर रहे हैं। 15 अगस्त 2018 को जहीर फारूकी के नेतृत्व में एक तिरंगा यात्रा में हजारों लोगों ने भाग भी लिया था।

PREV

उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

500 साल बाद बनी संत कबीर की जन्मस्थली, गजब की है गुलाबी पत्थरों की नक्काशी
वाराणसी पुलिस का सबसे बड़ा एक्शन, अब कहां जाएगा Cough Syrup Case मास्टरमाइंड