वाराणसी में नवरात्रि को लेकर उत्साह दिखाई दे रहा है। नवमी पर श्री राम के जन्मोत्सव को लेकर जमकर तैयारियां की गई थी। फूल व्यापारियों ने बताया कि इस बार काफी अच्छी बिक्री हुई है। दुकानदारों ने बताया कि गेंदे के फूल को ज्यादातर लोगों ने खरीदा।
वाराणसी: देशभर में मां भगवती की आराधना का पर्व नवरात्र बड़े ही भक्ति भाव से मनाया गया। आज नवरात्रि के अंतिम दिन मां भगवती के अंतिम रूप की पूजा अर्चना की जाती है वहीं नवमी तिथि में भगवान श्री राम का जन्म उत्सव भी बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है दो अपने घरों में पूजा अर्चना करते हैं साथ ही साथ मंदिरों को भी भव्य तरीके से सजाया जाता है और अनुष्ठान भी किया जाता है। इन सभी मांगलिक कार्यों में फूलों की डिमांड काफी ज्यादा होती है। एशियानेट न्यूज़ ने फूल व्यापारियों से जाना कि इस बार उनको फूल के व्यापार में कितना लाभ मिला तो व्यापारियों ने बताया कि इस बार हमें बहुत अच्छा लाभ मिला और फूल की बिक्री में 4 गुना बढ़ोतरी हुआ हैं ।
फूल की खेती कर रहे किसानों में दिखी खुशी
पिछले 2 वर्षों से करुणा महामारी के चलते बड़े आयोजन नहीं आयोजित किए जाते थे जिससे फूल की खेती कर रहे किसानों में मायूसी देखी जा रही थी लेकिन इस वर्ष बड़े ही धूमधाम से लोग अपने पर्व को मना रहे हैं और फूलों की डिमांड भी अच्छी खासी हो रही है जिससे फूल की खेती करने वाले किसान भी खुश नजर आ रहे हैं। फूलों की खेती करने वाले किसान राम सिंह ने बताया कि नवरात्रि में फूलों की डिमांड बढ़ जाने के कारण वो काफी खुश है और उनकी आमदनी भी बढ़ गई है।
बनारस में 5 एकड़ के क्षेत्र में होता है फूल की खेती
धर्म युद्ध की नगरी काशी में कण-कण में भगवान शिव का वास है और कहा जाता है कि सभी देवी देवताओं का भी बस काशी में किसी न किसी रूप में स्थित है और यही कारण है कि काशी में फूलों की डिमांड लगभग हर मंदिरों में होती है और फूलों की खेती की बात करें तो काशी में कुल 500 एकड़ में फूल की खेती होती है उद्योग विभाग के आंकड़ों के मुताबिक मालूम चला कि काशी में 500 एकड़ में फूल की खेती होती है। जिसमें सबसे ज्यादा उत्पाद गेंदे के फूल का होता है इससे जुड़े किसान सीधे इन फूलों को यहां के मंडियों में बेचते हैं ऐसे में फूलों की डिमांड बढ़ने के कारण उन किसानों के चेहरे पर खुशी देखी जा रही है।
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