
मेरठ: मेरठ की आशियाना कॉलोनी में स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (SOG) और लिसादी गेट पुलिस (Lisadi Gate Police) की एक टीम ने कार्रवाई की। पुलिस ने कहा कि यह छापेमारी (raid) विधानसभा चुनावों (assembly elections) से पहले अवैध हथियार (illegal weapons) निर्माण इकाइयों के खिलाफ चल रहे राज्यव्यापी अभियान (statewide campaign) का हिस्सा थी। मेरठ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) प्रभाकर चौधरी (Prabhakar Choudhary) ने कहा कि घर पर पिछले पांच साल से फैक्ट्री चल रही है, जबकि मकान मालिक अलग-अलग हथियारों की आपूर्ति कर रहे थे, जो एक बंदूक (gun) के लिए 25,000 रुपये से लेकर 30,000 रुपये तक लेते थे। आगामी विधानसभा चुनावों के परिणाम को प्रभावित करने के लिए आस-पास के जिलों के अपराधी यहां आकर हथियार खरीदते थे।
कई तरह के हथियार और उपकरण जब्त
एसएसपी ने कहा कि गिरफ्तार आरोपियों (arrested accused) की पहचान अयूब, आमिर, अनस मोहम्मद, इरशाद, हसीन उर्फ भूरा के रूप में हुई है। मकान मालिक राशिद, शहजाद, इसरार, शाहिद अली और इसाफ अली मौके से फरार हो गए। एसएसपी ने कहा कि कारखाने से 35 विभिन्न प्रकार के हथियार (weapons)और उपकरण (Device) जब्त किए गए हैं। सभी आरोपी एक से ज्यादा मामलों में वांछित चल रहे थे।
यूपी में बरामद देश के अवैध हथियारों का पचास प्रतिशत
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा 2020 के लिए जारी किए गए आंकड़ों (statistics) में कहा गया है कि देश में अवैध हथियारों की बरामदगी का आधा हिस्सा सिर्फ उत्तर प्रदेश (Uttar pradesh) से बरामद किया गया है। आंकड़ों में कहा गया है कि 2020 में देश में शस्त्र अधिनियम (arms act) के तहत 67,947 हथियारों को जब्त किया गया था, जिसमें उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 32,776 हथियार बरामद किए गए हैं।
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