Special Story : क्या है शिवपुर विधानसभा का इतिहास? जहां से Yogi के कैबिनेट मंत्री को चुनौती देंगे OP राजभर

इस विधानसभा सीट के तहत चिरईगांव ब्लॉक के 192 नए बूथ और 96 गांव आते ही हैं। साथ ही काशी विद्यापीठ ब्लॉक के 12 गांवों के 58 बूथ, हरहुआं ब्लॉक के 30 गांवों के 57 बूथ भी शिवपुर विधानसभा क्षेत्र में शामिल किए गए।

Asianet News Hindi | Published : Jan 25, 2022 10:16 AM IST / Updated: Jan 25 2022, 03:47 PM IST

अनुज तिवारी
वाराणसी:
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सभी सभी पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित कर रही हैं। वाराणसी के आठों विधानसभा क्षेत्र में अभी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को छोड़ अभी अन्य पार्टियों ने अपने पत्ते नहीं खोलें हैं। वाराणसी के आठों विधानसभा क्षेत्र में से शिवपुर विधानसभा क्षेत्र इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। क्योंकि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर का नाम इस विधानसभा से चुनाव लड़ने के लिए सामने आ रहा है। मौजूदा समय में इस विधानसभा क्षेत्र के विधायक अनिल राजभर है। जो उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री के पद पर मौजूद हैं । 

शिवपुर विधानसभा का इतिहास
साल 2012 के चुनाव में यह विधानसभा सीट अस्तित्व में आयी परिसीमन के बाद इसका नाम शिवपुर हुआ । पहली बार यहाँ बहुजन समाज पार्टी के उदयलाल मौर्या ने जीत हासिल की। वहीं दूसरी बार हुए चुनाव में 2017 में अनिल राजभर ने जीत हासिल की है। बसपा ने अपने सिटिंग विधायक उदय लाल मौर्या का टिकट काट के वीरेंद्र सिंह को टिकट दिया जिसका फायदा भाजपा ने उठाया और अनिल राजभर चुनाव जीत गए । ओपी राजभर की काट के लिए भाजपा ने अनिल राजभर को चुनाव जीतने के बाद मंत्री पद से नवाजा और फिलहाल वो यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। शहरी और ग्रामीण इलाकों के मिश्रण वाले इस क्षेत्र में मंत्री जी प्रतिस्ठा लगी हुई है। करीब 3 लाख की आबादी वाला ये विधान सभा क्षेत्र का ज्यादातर हिस्सा चन्दौली संसदीय क्षेत्र में आता है।

इस विधानसभा सीट के तहत चिरईगांव ब्लॉक के 192 नए बूथ और 96 गांव आते ही हैं। साथ ही काशी विद्यापीठ ब्लॉक के 12 गांवों के 58 बूथ, हरहुआं ब्लॉक के 30 गांवों के 57 बूथ भी शिवपुर विधानसभा क्षेत्र में शामिल किए गए।

2017 की राजनीति
शिवपुर विधानसभा सीट से साल 2017 में भारतीय जनता पार्टी ने अनिल राजभर को चुनाव में प्रत्याशी के रूप में घोषित किया । इस सीट पर अनिल राजभर ने अपने प्रतिद्वंदी सपा के आनंद मोहन यादव को करीब 54 हजार वोट के बड़े अंतर से हराया. बसपा के वीरेंद्र सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे।शिवपुर विधानसभा सीट की गिनती यादव बाहुल्य सीट के रूप में होती है। दलित, पटेल, राजभर और मुसलमान वोटर भी यहां अच्छी तादाद में हैं। 

अनिल राजभर का राजनीतिक इतिहास
अनिल राजभर का जन्म 2 मई 1973 को नवी मुंबई में हुआ था। अनिल राजभर योगी सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के कैबिनेट मंत्री हैं। अनिल राजभर ने छात्र नेता के तौर पर अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। 1994 में वह छात्रसंघ अध्यक्ष भी बने थे। इसके बाद जिला पंचायत सदस्य चुने गए। 2003 में पिता के देहांत के बाद उप चुनाव लड़े, लेकिन चुनाव हार गये। इसके बाद से अनिल लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहे और 2017 के चुनाव में शिवपुर से विधायक चुने गये। 

ओम प्रकाश राजभर का राजनीतिक इतिहास
राजभर ने 1981 में कांशीराम के समय में राजनीति शुरू की। 2001 में ओम प्रकाश राजभर का जन्म वाराणसी के फत्तेपुर खौंदा सिंधौरा गांव में हुआ था। राजभर ने 1981 में कांशीराम के समय में राजनीति शुरू की जानकारी के मुताबिक 2001 में इनका बहुजन समाज पार्टी में मायावती से विवाद हुआ था। बीएसपी छोड़ने के बाद वह अपना दल में भी रहे। बाद में अपना दल से अलग होकर ओम प्रकाश राजभर ने 27 अक्टूबर 2002 को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी बना ली। 2004 से चुनाव लड़ रही भासपा ने यूपी और बिहार के चुनाव में अपने प्रत्याशी खड़े किए । पहली बार ओमप्रकाश राजभर 2017 भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनाव जीते और प्रदेश सरकार में मंत्री भी बन गए । लेकिन राजभर को ज्यादा दिन गठबंधन भाया नहीं और 2019 में उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा और भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया । जानकारी के मुताबिक राजभर ने पहले मुख्तार अंसारी के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। मगर बाद में पीछे हट गए थे। और अब ओम प्रकाश राजभर अखिलेश यादव के साथ मंच साझा कर रहे। 

शिवपुर विधानसभा में कुल मतदाता
इस विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 3 लाख है. जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या एक लाख 63 हजार 596 है, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या एक लाख 28 हजार 963 है।

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