उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता के चुनाव के लिए 45 मिनट का एक पेपर रखा गया है। इसमें 20 प्रश्न ऑब्जेक्टिव हैं और 2 विश्लेषणात्मक। सवालों का पैटर्न प्रवक्ता बनने के इच्छुक लोगों को यूपीएससी एग्जाम से कम नहीं लग रहा।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Up Vidhansabha Election) से पहले कांग्रेस का प्रवक्ता बनना अब इतना भी आसान नहीं है। कांग्रेस ने प्रवक्ताओं के लिए होने वाली परीक्षा कोपूरी तरह से प्रोफेशनल कर दिया गया है। लेकिन इसमें पूछे जाने वाले सवाल परीक्षा देने आए नेताओं के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। 45 मिनट के इस पेपर में कई सवाल हैं, इसमें 'RSS संगठन खतरनाक क्यों है', '2009 में कांग्रेस ने कितनी सीटें जीती हैं' जैसे सवाल शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता के चुनाव के लिए 45 मिनट का एक पेपर रखा गया है। इसमें 20 प्रश्न ऑब्जेक्टिव हैं और 2 विश्लेषणात्मक। सवालों का पैटर्न प्रवक्ता बनने के इच्छुक लोगों को यूपीएससी एग्जाम से कम नहीं लग रहा।
कांग्रेस पूछ रही ये सवाल
1- उत्तर प्रदेश में कितने ब्लॉक और क्षेत्र हैं?
2- लोकसभा चुनाव में यूपी में कितनी सीटें आरक्षित हैं?
3- यूपी विधानसभा में कितनी सीट हैं?
4- क्यों योगी सरकार विफल मानी जा रही है?
5- मनमोहन सरकार क्यों अच्छी थी और उसकी क्या-क्या उपलब्धियां रही हैं?
6-RSS संगठन खतरनाक क्यों है?
7- यूपी में कितनी लोकसभा और विधानसभा सीटें हैं 2004 और 2009 में कांग्रेस ने कितनी सीटें जीती हैं?
कांग्रेस के प्रवक्ता अंशु अवस्थी के मुताबिक पूरे प्रदेश में प्रवक्ताओं के इंटरव्यू किए जा रहे हैं और एक रिटन टेस्ट लिया जा रहा है। उम्मीदवार से एक फॉर्म भरवाया जाता है। इसमें नाम, जन्मतिथि, शिक्षा, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी जैसी बुनियादी जानकारी देनी होती है।
75 जिलों के 2850 लोगों ने अबतक परीक्षा में हिस्सा लिया है. 36 बड़े जिले में 1750 का इंटरव्यू चल रहा है. इसके परिणाम दिसंबर के आखिरी हफ्ते में जारी किए जाएंगे। लखनऊ, हरदोई, सीतापुर और लखीमपुर में ये पेपर हो चुका है।