अनामिका शुक्ला मामले में STF को बड़ी कामयाबी, मास्टरमाइंड समेत तीन गिरफ्तार; 2- 2 लाख में कराई थी भर्तियां

कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में गोंडा की अनामिका शुक्ला के सर्टिफिकेट पर अलग-अलग जिलों में नौकरी करने वाली फर्जी शिक्षिकाओं के मामले में एसटीएफ ने मास्टरमाइंड समेत तीन जालसाजों को गिरफ्तार किया है

लखनऊ(Uttar Pradesh). कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में गोंडा की अनामिका शुक्ला के सर्टिफिकेट पर अलग-अलग जिलों में नौकरी करने वाली फर्जी शिक्षिकाओं के मामले में एसटीएफ ने मास्टरमाइंड समेत तीन जालसाजों को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने मामले का खुलासा करते हुए लखनऊ से तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी की। एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किया गया मास्टरमाइंड पुष्पेंद्र उर्फ राज उर्फ गुरुजी उर्फ सुशील फर्रुखाबाद के सरकारी विद्यालय में सहायक शिक्षक है। इसके अलावा हरदोई बीएसए ऑफिस का हेड क्लर्क रामनाथ और जौनपुर का जिला समन्वयक अधिकारी आनंद सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है। 

एसटीएफ के मुताबिक बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़े तीनों आरोपी इस गैंग को चला रहे थे। आरोपी आनंद ने 2019 में अनामिका के मार्कशीट सर्टिफिकेट पुष्पेंद्र को दिए थे। आनंद ने एक और अभ्यर्थी प्रीति यादव के दस्तावेज गिरोह को दिए थे। इन सर्टिफिकेट पर रामनाथ ने फर्जी दस्तावेज को तैयार कराया और 2-2 लाख रुपये में भर्तियां कराई। एसटीएफ के मुताबिक अब तक अनामिका शुक्ला के दस्तावेजों पर अलीगढ़, वाराणसी, कासगंज, सहारनपुर, बागपत, रायबरेली ,अमेठी ,अंबेडकर नगर में फर्जी भर्तियां होने की बात सामने आई है। तीनों के कब्जे से दो मोबाइल फोन, एक ड्राइविंग लाइसेन्स, एक आधार कार्ड, एक एटीएम कार्ड, एक लाइसेंसी पिस्टल 7.65 एमएम सात जिन्दा कारतूस और 1180 रुपये नगद बरामद हुए हैं। 

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मास्टरमाइंड भी फर्जी दस्तावेज पर कर रहा था नौकरी
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में गैंग के सरगना पुष्पेन्द्र ने एसटीएफ को बताया कि वह खुद सुशील पुत्र गुलाब चन्द्र निवासी कुंवरपुर खास के नाम से फर्जी तरीके से सहायक अध्यापक के पद पर काम कर रहा था। वर्ष 2010 में वह प्रधान लिपिक रामनाथ के सम्पर्क में आया था। रामनाथ के सहयोग से उसने अंजली पुत्री राम खिलाड़ी नाम की महिला को कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में नियुक्ति कराई थी। अंजली की समयावधि पूर्ण होने पर उसे वार्डन के पद पर भी नियुक्त करवाया। इसके बाद उसने अपने भाई जसवंत को विभव कुमार के नाम से कूटरचित दस्तावेज के आधार पर कन्नौज में नियुक्त कराया था। रामनाथ के माध्यम से ही उसकी आनन्द से मुलाकात हुई थी। 

कासगंज से हुआ पूरे मामले का खुलासा 
पूरे मामले का खुलासा कासगंज से हुआ। कासगंज जिले में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में अनामिका शुक्ला बनकर नौकरी कर रही प्रिया पुत्री महिपाल जाटव की गिरफ्तारी के बाद पुष्पेन्द्र और उसके भाई जसवंत का नाम सामने आया। कासगंज जिले के सोरों थाने की पुलिस ने सबसे पहले पुष्पेन्द्र के भाई जसवंत को गिरफ्तार किया। वह विभव कुमार पुत्र विनोद जाटव के नाम से कन्नौज के प्राथमिक विद्यालय बरौली में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत था। इसी तरह अलीगढ़ जिले के पाली थाने की पुलिस द्वारा गिरफ्तार एक अन्य फर्जी शिक्षिका बबली पत्नी हरिओम ने भी पूछताछ में बताया कि उसे पुष्पेन्द्र और उसके भाई जसवंत के माध्यम से अनामिका शुक्ला नाम का फर्जी शैक्षिक दस्तावेज मिला था। 
 

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