सांसद आजम खां के खिलाफ आचार संहिता के एक मामले में पुलिस ने सप्लीमेंटरी चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी है। अब इसकी नकलें सांसद को उपलब्ध कराने के बाद आरोप तय किए जाएंगे। अदालत इस मामले में पांच जनवरी को सुनवाई करेगी। यह मुकदमा सांसद द्वारा जिलाधिकारी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का है।
रामपुर: सपा सांसद आजम खां (Azam khan) के खिलाफ लोकसभा चुनाव (Loksabha chunav) में प्रचार के दौरान जिलाधिकारी (district magistrate) पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में पुलिस ने कोर्ट में सप्लीमेंटरी चार्जशीट (Suplimentary chargesheet) दाखिल की है। पिछली तारीख में पुलिस ने कोर्ट से इस मामले में पुनर्विवेचना की अनुमति ली थी। जिसके बाद पुलिस ने अब सप्लीमेंटरी चार्जशीट दाखिल की है।
यह मामला 15 अप्रैल 2019 को सिविल लाइंस थाने में दर्ज हुआ था। आरोप था कि आजम खां ने चुनाव प्रचार के दौरान लोगों को संबोधित करते समय तत्कालीन जिलाधकारी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
इसका वीडियो वायरल होने पर उप जिला मजिस्ट्रेट (न्यायिक) घनश्याम त्रिपाठी की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। बाद में ये मामला सिविल लाइंस थाना पुलिस ने वीडियो वायरल होने का स्थान भोट थाना क्षेत्र का बताते हुए पुलिस ने इस मुकदमे को भोट थाने को स्थानांतरित कर दिया था।
विवेचना के बाद पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। इस मामले की सुनवाई इन दिनों एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही है। जिसमें 23 नवंबर की तारीख में पुलिस ने कोर्ट से पुनर्विवेचना के लिए अनुमति मांगी थी। जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए अगली तारीख 20 दिसंबर तय की थी।
सोमवार को इस मामले में तारीख थी, जिसमें विवेचक दरोगा संजय सिंह ने कोर्ट में सप्लीमेंटरी चार्जशीट दाखिल कर दी। अब इस मामले में आरोपी सांसद आजम खां को कोर्ट के माध्यम से चार्जाशीट की नकलें उपलब्ध करवाई जाएंगी। जिसके बाद इसमें आरोप तय किए जाने की प्रक्रिया होगी। कोर्ट ने इस मामले में अगली तारीख पांच जनवरी तय की है।
आजम खां ने वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ा था। वह चुनाव जीत गए थे। चुनाव प्रचार के दौरान उनके खिलाफ 15 अप्रैल 2019 को सिविल लाइंस कोतवाली में आचार संहिता उल्लंघन की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। इसमें सांसद पर जिलाधिकारी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है। उनके बयान की वीडियो वायरल होने पर डिप्टी कलक्टर घनश्याम त्रिपाठी ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। हालांकि घटनास्थल भोट थाना क्षेत्र का होने के कारण विवेचना वहां स्थानांतरित कर दी गई थी। भोट थाना पुलिस ने विवेचना के बाद सांसद के खिलाफ चार्जशीट लगा दी थी, जिसकी सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही है। इस मामले में सांसद की जमानत मंजूर हो चुकी है। अभी आरोप तय नहीं हुए हैं। पिछली तारीख पर पुलिस ने विवेचना में कुछ तथ्य कम होने का हवाला देते हुए अग्रिम विवेचना का अनुरोध करते हुए अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था, जिसे अदालत ने मंजूर करते हुए अग्रिम विवेचना के आदेश दिए थे। सोमवार को विवेचक दारोगा संजय सिंह कोर्ट में पेश हुए और अग्रिम विवेचना की सप्लीमेंटरी चार्जशीट दाखिल कर दी। पहली चार्जशीट में बयान दर्ज होने में कुछ कमी रह गई थी, जो अब पूरी करा दी गई है।