सुप्रीम कोर्ट ने पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव याचिका पर सुरक्षित रखा फैसला, ये है पूरा मामला

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम आपको मौका दे रहे हैं जिरह करने का, आप जिरह करिए, सुनवाई नहीं टलेगी। सुप्रीम कोर्ट ने तेजबहादुर के वकील को फटकारते हुए कहा आप हमको सबूत दिखाइए कि आपने चुनाव आयोग से कब और कितना समय मांगा? हमें आपकी बहस नहीं सुननी अब तो आप सबूत दिखाइए कि अपने कब कब कितना समय मांगा था।

Asianet News Hindi | Published : Nov 18, 2020 10:21 AM IST / Updated: Nov 24 2020, 12:48 PM IST

लखनऊ (Uttar Pradesh) ।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई स्थगित करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। कोर्ट ने पीएम के खिलाफ बीएसएफ के बर्खास्त सिपाही तेज बहादुर यादव की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित कर लिया है। बता दें कि तेज बहादुर ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट का मानना था कि तेज बहादुर न तो वाराणसी के वोटर हैं और न ही प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ उम्मीदवार थे। इस आधार पर उसका इलेक्शन पिटीशन दाखिल करने का कोई औचित्य नहीं बनता है।

कोर्ट ने लगाया तेज बहादुर के वकील को फटकार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम आपको मौका दे रहे हैं जिरह करने का, आप जिरह करिए, सुनवाई नहीं टलेगी। सुप्रीम कोर्ट ने तेजबहादुर के वकील को फटकारते हुए कहा आप हमको सबूत दिखाइए कि आपने चुनाव आयोग से कब और कितना समय मांगा? हमें आपकी बहस नहीं सुननी अब तो आप सबूत दिखाइए कि अपने कब कब कितना समय मांगा था।

कोर्ट ने कही ये बातें
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पूर्व बीएसएफ जवान तेजबहादुर ने सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई टालने की मांग की थी। लेकिन, कोर्ट ने कहा कि आप कई बार सुनवाई टाल चुके हैं। कोर्ट का अपमान कर रहे हैं। अदालत ने इस मामले में सुनवाई स्थगित न करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में हमलोग पर्याप्त स्थगन कर चुके हैं। आप अदालत की प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रहे हैं। आप इस मामले पर अभी बहस करें। मुख्य न्यायाधीश ने तेजबहादुर यादव से यह भी कहा कि जब वो नामांकन भर रहे थे तो बीएसएफ से डिस्चार्ज होने का सर्टिफिकेट क्यों नहीं जमा कराया था।

यह है पूरा मामला
वाराणसी में 19 मई, 2019 को लोकसभा चुनाव होना था। तेज बहादुर यादव ने 29 अप्रैल को सपा के उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया था, इसे एक मई को रिटर्निंग अफसर ने इस आधार पर खारिज कर दिया कि उसे 19 अप्रैल, 2017 को सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। तेज बहादुर से कहा गया था कि वह बीएसएफ से इस बात का अनापत्ति प्रमाणपत्र पेश करें, जिसमें उनकी बर्खास्तगी के कारण दिए हों, लेकिन वह निर्धारित समय में आवश्यक दस्तावेजों को प्रस्तुत नहीं कर सके। तेज बहादुर यादव ने कहना है कि उन्होंने नामांकन पत्र के साथ अपने बर्खास्तगी का आदेश दिया था, जिसमें साफ था कि उसे अनुशासनहीनता के लिए बर्खास्त किया गया था। याचिका में ये भी कहा गया है कि रिटर्निंग अफसर ने उसे चुनाव आयोग से प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए वाजिब समय भी नहीं दिया।
 

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