1 लाख रुपये घूस देकर पाई 25 जिलों में टीचर की नौकरी, कमाए 1 करोड़, ऐसे खुला राज

कोतवाली सोरों पुलिस ने बेसिक शिक्षा अधिकारी अंजलि अग्रवाल की तहरीर पर अनामिका के खिलाफ धोखाधड़ी एवं कूटरचित अभिलेख तैयार करने के मामले में धारा 420, 467 एवं 468 में मुकदमा दर्ज किया है। वहीं, धारा 471 लगाने की भी तैयारी पुलिस कर रही है। 

कासगंज (Uttar Pradesh) । बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से डिजिटल डेटाबेस तैयार करने के दौरान चौकाने वाली सच्चाई सामने आई है। अनामिका शुक्ला के नाम से एक टीचर प्रदेश के 25 जिलों में काम कर रही है। 13 माह से वह ऐसा कर रही थी, जिसे इसके एवज में एक करोड़ रुपये का भुगतान भी किया जा चुका है। वहीं विभाग ने जानकारी होने पर उसे नोटिस भेजा गया। इसपर वह जब इस्तीफा देने कासगंज पहुंची तो फर्जीवाड़ा और वेतन उठाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। जांच में यह बात सामने आया कि उसने एक लाख रुपए देकर यह फर्जीवाड़ा करते हुए नौकरी पाई।

ऐसे बनी प्रिया जाटव से अनामिका शुक्ला
जनपद कासगंज में पकड़ी गई कथित अनामिका का असली नाम प्रिया जाटव है। जिसके अनुसार, उसकी मुलाकात गोंडा के रघुकुल विद्यापीठ में बीएससी करते समय मैनपुरी निवासी राज नाम के व्यक्ति से हुई थी। उसने प्रिया को नौकरी की सलाह दी। एक लाख रुपये में दस्तावेज पर नौकरी लगवाने का वायदा किया। उसने ही अगस्त 2018 में इसे नियुक्ति पत्र भी दिला दिया था।

Latest Videos

जांच में ये बातें आईं सामने
कोतवाली सोरों पुलिस ने बेसिक शिक्षा अधिकारी अंजलि अग्रवाल की तहरीर पर अनामिका के खिलाफ धोखाधड़ी एवं कूटरचित अभिलेख तैयार करने के मामले में धारा 420, 467 एवं 468 में मुकदमा दर्ज किया है। वहीं, धारा 471 लगाने की भी तैयारी पुलिस कर रही है। पुलिस की जांच में शिक्षिका बनने के बाद में प्रिया ने अनामिका शुक्ला के नाम से कासगंज में खाता खुलवाया। माना जा रहा है कि प्रिया ने बैंक खाते में भी फर्जी दस्तावेज का प्रयोग किया। हालांकि, सरकारी कर्मियों के विभागीय दस्तावेज को भी प्रमाण पत्र के रूप में प्रस्तुत करने पर बैंक खाता खोल देती है। लेकिन, बैंक में फोटो प्रमाणपत्र की जरूरत होती है।

मेरिट के आधार पर मिली थी नौकरी
कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूलों में संविदा पर लगने वाली नौकरी में दस्तावेज की जांच नहीं होती है। साक्षात्कार के दौरान ही असली अभिलेख देखे जाते हैं। चयन मेरिट के आधार पर होता है। ऐसे में अनामिका के दस्तावेजों को आधार बनाया, क्योंकि इसमें ग्रेजुएशन को छोड़ कर हाईस्कूल से इंटर तक 76 फीसद से ज्यादा अंक हैं।

ऐसे किया खेल
बेसिक शिक्षा अधिकारी अंजली अग्रवाल के मुताबिक अनामिका शुक्ला के मूल दस्तावेजों में धुंधली फोटो भी इस कॉकस की मददगार बनी। साक्षात्कार के दौरान यह फोटो देखी जाती है। लेकिन, धुंधली होने पर अभ्यर्थी के आधार कार्ड और अन्य पहचानपत्र के आधार पर चयन किया जाता है, जिस तरह से बैंकों में अनामिका शुक्ला के नाम से खाता खुलवाया गया, उससे माना जा रहा है कि आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजफर्जी तैयार कराए गए हैं।

Share this article
click me!

Latest Videos

बीच में छोड़ी पढ़ाई और हार गए पहला ही चुनाव,अब चौथी बार सीएम बने हेमंत सोरेन । Hemant Soren Oath
Maharashtra Accident: गोंदिया में भीषण सड़क हादसे की असल वजह आई सामने, क्या है 10 मौतों का कारण
कैसे दो एथलीटों ने बदल दिया सेबेस्टियन कोए का जीवन? क्या 2036 में भारत करेगा ओलंपिक की मेजबानी
वर्ल्ड एथलेटिक्स चीफ Sebastian Coe का Exclusive Interview, भारत से है खास रिश्ता
LIVE: अल्लू अर्जुन और रश्मिका मंदाना मुंबई में 'पुष्पा 2' प्रेस मीट में शामिल हुए