एसडीएम के निर्देश पर थानाध्यक्ष और ग्राम प्रधान ने वनवासी परिवार को 10-10 किलो चावल और 2-2 किलो दाल सहित अन्य राशन सामग्री उपलब्ध करा दिया है। इस दौरान ग्राम प्रधान ने जिम्मेदारी लिया है कि लगभग 17 से 40 सदस्यों वाले वनवासी बस्ती में राशन की कमी नहीं होने दी जाएगी।
वाराणसी (Uttar Pradesh) । लॉक डाउन के दौरान गरीबों के सामने काफी दिक्कतें आ रहीं हैं। बड़ागांव ब्लाक के कोइरीपुर गांव में चार दिन से भूखे मुसहरों के बच्चे अकरी घास में नमक मिलाकर खा रहे हैं। इतना ही नहीं इनके परिवार के बड़े सदस्य आलू की जोताई हुई खेत में बिने हुए आलू को उबाल कर पेट भर रहे हैं। हालांकि इसकी सूचना पर प्रशासनिक अधिकारी हरकत में आ गए हैं और इनकी समस्या का समाधान कर दिया है।
यह है पूरा मामला
कोइरीपुरी के वनवासी बस्ती में अधिकतर ईंट भट्ठा पर कार्य करते हैं तो कुछ आसपास इलाकों में मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पालते हैं। खबर है कि जनता कर्फ्यू के दौरान से ही परिवार के सभी सदस्य घर पर बैठ गए हैं। रोज कमाने रोज खाने की परिपाटी पर चलने वाले परिवार के सदस्यों को कुछ नहीं मिला तो उनके बच्चे अकरी घास को नमक के साथ मिलाकर खा रहे थे, वहीं बड़े सदस्य आलू की जोताई हुई खेतों में आलू बीनकर उसके उबालकर पिछले चार दिनों से खा रहे थे। हालांकि इसकी सूचना पिंडरा एसडीएम मणिकंडन ए को दी। जिनके निर्देश पर थानाध्यक्ष संजय सिंह व ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि शिवराज यादव ने वनवासी बस्ती में राशन पहुंचाया।
प्रधान ने ली जिम्मेदारी, राशन की नहीं होगी कमी
एसडीएम पिंडरा के निर्देश पर बड़ागांव थानाध्यक्ष और ग्राम प्रधान ने वनवासी परिवार को 10-10 किलो चावल और 2-2 किलो दाल सहित अन्य खाद्य सामग्री उपलब्ध करा दिया है। इस दौरान ग्राम प्रधान ने जिम्मेदारी लिया है कि लगभग 17 से 40 सदस्यों वाले वनवासी बस्ती में राशन की कमी नहीं होने दी जाएगी।
क्या है अंकरी घास
यह एक प्रकार की घास है, जिसे पशु खाते हैं। ये सिवार के खेतों में पाई जाती है। इस घास में मटर से छोटी फलियां लगी होती है। जिसे पशुओं को चारा में मिलाकर खाने के लिए दिया जाता है।
पूर्व विधायक ने भेजा राशन
भूख से बिलख रहे वनवासी परिवार की जानकारी पिंडरा के पूर्व विधायक अजय राय को हुई तो उन्होंने अपने प्रतिनिधियों को तत्काल मौके पर राशन सामग्री लेकर भेजा। इस दौरान पूर्व विधायक ने आश्वासन दिया कि जब तक लॉकडाउन रहेगा तब तक वनवासी परिवारों को राशन की कमी नहीं होने दी जाएगी।