कोरोना वायरस के कारण मुंबई में खराब हो रही स्थिति के कारण मजदूरों का एक समूह घर आने के लिए निकल पड़ा। वे किसी तरह दस दिन में अपने घर पहुंचे। जिन्हें देख गांव के लोग विरोध करने लगे। परिवार के लोग भी डर से घर में आने से उन्हें रोक दिए। जिसके कारण उन्हें खुले में क्वारंटाइन होना पड़ा।
गोंडा (Uttar Pradesh) । मुंबई से किसी तरह 10 दिन में घर पहुंचे मजदूरों के एक समूह का गांव के लोगों ने विरोध किया। वे कहने लगे कि मुंबई से लोग कोरोना वायरस लाए होंगे। परिवार के लोगों ने भी घर में आने प्रवेश पर रोक लगा दी। नतीजन उन्हें अब खुले मैदान में क्वारंटाइन टाइम बिताने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
यह है पूरा मामला
कोरोना वायरस के कारण मुंबई में खराब हो रही स्थिति के कारण मजदूरों का एक समूह घर आने के लिए निकल पड़ा। वे किसी तरह दस दिन में अपने घर गोंडा पहुंचे। जिन्हें देख गांव के लोग विरोध करने लगे। मजदूर राम तीरथ यादव ने कहा कि गांव के लोग कहने लगे कि मुंबई से लोग कोरोना वायरस लाए होंगे। वहीं, संबंधित प्रवासी मजदूरों के परिवार के लोग भी डर से घर में आने से उन्हें रोक दिए। जिसके कारण उन्हें खुले में क्वारंटाइन होना पड़ा।
प्रशासन ने नहीं किया मदद
मजदूर, हरीश यादव ने कहा कि मुंबई में हमें बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा। लॉकडाउन में प्रशासन का कोई भी व्यक्ति हमें आश्रय देने वाली सुविधा देने के लिए नहीं आया है। वहीं, जिला मजिस्ट्रेट नितिन बंसल ने कहा कि कई लोग ट्रेनों, राज्य बसों और निजी वाहनों के माध्यम से यहां पहुंच रहे हैं। सभी का परीक्षण किया जा रहा है और फिर केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार उचित कदम उठाए जा रहे हैं।