कन्याकुमारी से कश्मीर तक फहराया जाता है यहां का बना तिरंगा, इस बार तैयार हुआ 10 ज्यादा तिरंगा

गणतंत्र दिवस के मौके पर भी मेरठ के गांधी आश्रम की ओर से तैयार कराए गए तिरंगे देशभर के सरकारी दफ्तरों में लहराते हैं। गांधी आश्रम के संचालक के मुताबिक इस गणतंत्र दिवस के लिए दस हजार से ज्यादा तिरंगे तैयार किए गए हैं। जिन्हें देश के विभिन्न राज्यों से आई डिमांड पर भिजवाया गया है।

Ankur Shukla | Published : Jan 26, 2020 3:58 AM IST / Updated: Jan 26 2020, 10:14 AM IST

मेरठ ( Uttar Pradesh) । आज गणतंत्र दिवस पूरे हर्षोउल्लास के साथ मनाया जा रहा है, लेकिन कम ही लोग जानते हैं कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक मेरठ का बना हुआ तिरंगा ही फहराया जाता है। शांति, त्याग और समृद्धि के रंगों को ख़ुद में समेटे मेरठ का तिरंगा देशभर में लहरा रहा है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि अखंड भारत का राष्ट्रीय ध्वज किस तरीके से कहां तैयार किया जाता है।

इस तरह होता है तैयार
मेरठ के गांधी आश्रम में आज भी पहले की तरह ही तिरंगा लकड़ी के सांचे से बनाया जाता है,फिर सांचे के बीच में कपड़ा रखकर उस पर चक्र बनाया जाता है। इसके बाद कपड़े को केसरिया और हरे रंग से रंगा जाता है।

इस बार तैयार हुआ 10 ज्यादा तिरंगा
गणतंत्र दिवस के मौके पर भी मेरठ के गांधी आश्रम की ओर से तैयार कराए गए तिरंगे देशभर के सरकारी दफ्तरों में लहराते हैं। गांधी आश्रम के संचालक के मुताबिक इस बार गणतंत्र दिवस के लिए दस हजार से ज्यादा तिरंगे तैयार किए गए हैं। जिन्हें देश के विभिन्न राज्यों से आई डिमांड पर भिजवाया गया है।

यह परिवार भी तैयार करता है तिरंगा
मेरठ में गांधी आश्रम के ऑर्डर पर सुभाषनगर के नत्थे सिंह का परिवार तिरंगा बनाने के काम में जुटा हुआ है। हालांकि नत्थे सिंह का का निधन हो चुका है, लेकिन तिरंगों को बनाने का काम उनके परिवार ने संभाल रखा है। परिवार के सदस्यों का कहना है कि वो आखिरी सांस तक ये काम करते रहना चाहते हैं।

यहां भेजा जाता है तिरंगा
जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश में भी यहीं से ध्वज भेजे जाते हैं। मेरठ में ही राष्ट्रीय ध्वज तैयार होता है। 

 

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