अमरनाथ का परिवार पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में रहता था। उनके घर की महिलाओं को भी अगवा कर लिया गया था। प्रताड़ित होने के बाद अमरनाथ परिवार सहित भारत आ गए थे
मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश ) । सिविल लाईन्स थाना क्षेत्र के गंगनहर कालोनी में इस कानून के लागू होने के बाद से दीपावली और होली जैसा माहौल है। अमरनाथ का परिवार नागरिकता संशोधन कानून को लेकर इसलिए खुश हैं क्योंकि 40 साल उन्हें भारत की नागरिकता मिलेंगी। ये सभी पाकिस्तान छोड़कर भारत में रह रहे थे। सरकार के फैसले के बाद इस परिवार ने पाकिस्तान में हुई यातनाओं की कहानी सुनाई, जो कुछ यूं हैं।
मेरे घर की महिलाओं को किया अगवा
यह परिवार पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में रहता था। वहां प्रताड़ित होने के बाद अमरनाथ परिवार सहित भारत आ गए थे। उनकी मानें तो उन्हें पाकिस्तान में बहुत प्रताड़ित किया गया था। उनके घर की महिलाओं को भी अगवा कर लिया गया था। इसके बाद वह पाकिस्तान छोड़कर भारत आ गए, लेकिन आज भी उनके कई रिश्तेदार पाकिस्तान में ही फंसे हुए हैं।
चचरे भाइयों के साथ भारत आए थे अमरनाथ
1979 में अमरनाथ अपने चचरे भाइयों शरण सिंह,हिम्मत सिंह, जोगेंद्र के साथ पाकिस्तान के पासपोर्ट पर ट्रेन से अटारी बॉर्डर होते हुए भारत आए थे। मुजफ्फरनगर में अपने रिश्तेदार के घर शरण ले ली थी।
भारत में हुआ था जन्म, बंटवारे में हो गए थे अलग
अमरनाथ का जन्म भारत में हुआ था। 1947 में बंटवारे के बाद पाकिस्तान हिंदुस्तान से अलग हो गए थे, लेकिन वे वहीं रह गए, जबकि उनके कुछ रिश्तेदार बंटवारे के समय भारत आ गए।
अमरनाथ के परिवार को जगी आस
मुजफ्फरनगर जिले में आए अमरनाथ के परिवार को अब भारत की नागरिकता मिलने की आस जगी है। वे कहते हैं कि ये सब इसलिए सम्भव हो पाया है क्योंकि मोदी सरकार ने उन शरणार्थियों के लिए इस बिल को पास कराया है, जो भारत आना तो चाहते थे लेकिन उन्हे यहां की नागरिकता मिलना मुश्किल था।
सरकार से जताई यह इच्छा
अमरनाथ के परिवार से केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और प्रदेश के स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री कपिलदेव अग्रवाल और विजय कश्यप मिले और उन्हें बधाई दिया। वहीं, अमरनाथ ने मोदी और योगी सरकार का आभार व्यक्त किया और अपनी इच्छा भी जाहिर की। कहा वे चाहते हैं कि उनके अन्य रिश्तेदार भी भारत लाए जाएं और उन्हें भी भारत की नागरिकता मिले।